Hindi Newsदेश न्यूज़Why two benches of senior SC judges get entangled in tree feeling dispute Why CJI DY Chandrachud finally intervene

पेड़ के विवाद में क्यों उलझ पड़ी SC के सीनियर जजों की दो बेंच, CJI चंद्रचूड़ को आखिर देना पड़ा दखल

जस्टिस बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि जब एक पीठ अवमानना ​​कार्यवाही से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही है, तो क्या दूसरी पीठ को अवमानना ​​कार्यवाही करनी चाहिए? जस्टिस गवई के इस न्यायिक औचित्य के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट में एक नया विवाद छिड़ गया है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 19 Sep 2024 09:34 AM
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देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रिज क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को सुप्रीम कोर्ट की दो अलग-अलग खंडपीठों द्वारा अलग-अलग अवमानना नोटिस जारी करने पर उपजे विवाद की सुनवाई करेंगे। यह विवाद सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ए एस ओका की खंडपीठ द्वारा दिए गए आदेश से पैदा हुआ है।

दरअसल, जून-जुलाई के बीच जस्टिस ए एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की अवकाशकालीन पीठ ने दिल्ली के रिज क्षेत्र में 422 पेड़ों को गिराने के मामले में दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया था। इसके साथ ही पीठ ने टिप्पणी की थी कि दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में पर्यावरण संरक्षण के प्रति असंवेदनशीलता दिखाई है। कोर्ट ने सड़क निर्माण के लिए दक्षिणी रिज के आरक्षित वन क्षेत्र में 422 पेड़ों को काटने की दिल्ली विकास प्राधिकरण को अनुमति देने पर सरकार को फटकार भी लगाई थी। बेंच डीडीए के उपाध्यक्ष से भी सख्ती से पेश आई थी।

बता दें कि सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए रिज क्षेत्र में 1,100 पेड़ों को कथित रूप से काटने के मामले में शीर्ष अदालत डीडीए के उपाध्यक्ष के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना ​​कार्यवाही की सुनवाई कर रही थी। इसी तरह के एक और अवमानना की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की खंडपीठ कर रही थी।

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इस बीच, 24 जुलाई को जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली अन्य पीठ ने जस्टिस ओका की पीठ द्वारा अवमानना ​​याचिका पर विचार करने और उस पर नोटिस जारी करने के न्यायिक औचित्य पर सवाल उठाया और सवाल किया कि जब शीर्ष न्यायालय में ही एक अन्य पीठ इसी मामले की सुनवाई कर रही है, तब दूसरी बेंच द्वारा उसी मामले की सुनवाई करना कहां तक उचित है। जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था, "जब एक पीठ अवमानना ​​कार्यवाही से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही है, तो क्या दूसरी पीठ को अवमानना ​​कार्यवाही करनी चाहिए?" जस्टिस गवई के न्यायिक औचित्य के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट में एक नया विवाद छिड़ गया है।

इसके बाद मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ को मामले में दखल देना पड़ा और जस्टिस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच से मामले को सीजेआई की अध्यक्षता वाली तीन जजों यानी जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के समक्ष ट्रांसफर कर दिया गया। अब सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ सतबारी में केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों के लिए एक अस्पताल और सार्क विश्वविद्यालय के लिए सड़क के निर्माण से संबंधित पेड़ों की कटाई के लिए डीडीए के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली अवमानना ​​याचिका पर फैसला देगी।

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