जब मनमोहन सिंह बोलते हैं, तो दुनिया सुनती है; क्यों आज भी पूर्व पीएम के मुरीद हैं बराक ओबामा
- मनमोहन सिंह और ओबामा की यह मुलाकात जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। बैठक से पहले ओबामा ने पत्रकारों से कहा कि जब भी भारतीय प्रधानमंत्री बोलते हैं, पूरी दुनिया उन्हें सुनती है।
मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 92 साल के थे। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की सादगी, ज्ञान और दूरदर्शी सोच ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोगों का दिल जीता है। अमेरिकी राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा ने अपनी किताब ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ और विभिन्न अवसरों पर डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व की प्रशंसा की है। बराक ओबामा ने एक बार कहा था, "डॉ. मनमोहन सिंह की बातें शांत, परंतु गहरी और प्रभावशाली होती हैं। जब वे बोलते हैं, तो पूरी दुनिया ध्यान से सुनती है।" यह बयान डॉ. मनमोहन सिंह के उस व्यक्तित्व को दर्शाता है, जिसने भारत को आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अपनी किताब में ओबामा ने लिखा कि जब वे मनमोहन सिंह से मिले थे, तो उन्होंने उनसे कहा था कि उन्हें डर है कि "बढ़ती मुस्लिम विरोधी भावना ने हिंदू राष्ट्रवादी भाजपा के प्रभाव को मजबूत किया है।" भाजपा उस समय मुख्य विपक्षी दल था। मनमोहन सिंह ने वित्तीय राजधानी मुंबई पर आतंकी हमला किए जाने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने के आह्वान का विरोध किया था। लेकिन ओबामा लिखते हैं कि "इस संयम की उन्हें राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ी।" ओबामा लिखते हैं कि तब मनमोहन सिंह ने कहा था, "राष्ट्रपति महोदय, अनिश्चित समय में धार्मिक और जातीय एकजुटता का आह्वान मादक हो सकता है और भारत या कहीं और भी राजनेताओं के लिए इसका फायदा उठाना इतना मुश्किल नहीं है।"
जून 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कनाडा में मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद, वैश्विक अर्थव्यवस्था और अन्य आपसी चिंता के मुद्दों पर चर्चा की थी। मनमोहन सिंह और ओबामा की यह मुलाकात जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। बैठक से पहले ओबामा ने पत्रकारों से कहा, "जब भी भारतीय प्रधानमंत्री बोलते हैं, पूरी दुनिया उन्हें सुनती है।"
वैश्विक आर्थिक सुधारों में अग्रणी भूमिका
डॉ. मनमोहन सिंह को भारत के आर्थिक सुधारों का मुख्य शिल्पकार माना जाता है। 1991 के आर्थिक संकट के समय, तत्कालीन वित्त मंत्री के रूप में, उन्होंने जिस कुशलता से नीतियां बनाई, उसने भारत को एक नई आर्थिक दिशा दी। उनकी नीतियों ने भारत को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरने का अवसर दिया।
ओबामा और डॉ. सिंह के संबंध
बराक ओबामा और डॉ. मनमोहन सिंह के बीच संबंध आपसी सम्मान और सहयोग पर आधारित रहे। अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में ओबामा ने डॉ. मनमोहन सिंह को "वैश्विक नेता" और "अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आवाज" कहा था। डॉ. मनमोहन सिंह की विनम्रता और बौद्धिकता ने ओबामा को प्रभावित किया।