एक जान दांव पर है और आप..; किसान नेता डल्लेवाल की तबीयत को लेकर SC ने पंजाब सरकार को लगाई फटकार
- Supreme Court: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। पिछले आदेशों का पालन न कर पाने के कारण कोर्ट ने सचिव और पंजाब डीजीपी को अवमानना का नोटिस भी थमाया।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के बिगड़ती तबीयत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता जताई है। डल्लेवाल 26 नवंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। पिछले एक महीने से भूख हड़ताल पर होने के कारण उनकी हालत में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता डल्लेवाल की हालत पर चिंता जताते हुए पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। उन्होंने सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि डल्लेवाल को हर प्रकार की चिकित्सकीय सहायता मिले। कोर्ट ने सरकार से कहा कि अगर राज्य में कोई कानून व्यवस्था खराब करता है तो यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप इससे सख्ती से निपटें। आपको इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है क्योंकि किसी का जीवन दांव पर है।
न्यायमूर्ति सुर्यकांत और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने पिछले आदेशों का पालन करने में विफल रहने के लिए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस के डीजी के खिलाफ अवमानना याचिका के संबंध में एक नोटिस भी जारी किया। इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार को 28 दिसंबर तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट कल फिर से सुनवाई करेगा। इस सुनवाई के दौरान पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी को डिजिटल माध्यम से मौजूद रहने को कहा।
पंजाब सरकार की तरफ से वकील गुरमिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब डीजीपी के साथ आठ कैबिनेट मंत्रियों ने डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने का प्रयास किया था लेकिन किसानों ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें वहां पर ही सभी सुविधाएँ उपलब्ध करा दी है। यदि कोई धक्का-मुक्की होती है तो हम वह जोखिम नहीं उठा सकते।
इस पर पीठ ने किसानों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि हमें उन किसानों पर भी संदेह है जो कि एक जीवन को बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि क्या केंद्र सरकार इसमें हस्तक्षेप कर सकती है। तो मेहता ने जवाब देते हुए कहा कि केंद्र के हस्तक्षेप से चीजें बिगड़ सकती हैं इसे राज्य सरकार ही बेहतर तरीके से संभाल सकती है।
इस पर पंजाब सरकार के वकील सिंह ने कहा कि पिछली बार जब मंत्रियों का एक दल उनसे मिलने गया था तो किसानों ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि अगर केंद्र सरकार की तरफ से बातचीत शुरू की जाती है तो फिर हम मेडीकल सुविधा लेने के लिए तैयार हैं।इस पर मेहता ने कहा कि उनको हॉस्पिटल में भर्ती कराना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है।
डल्लेवाल फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं। उच्चतम न्यायालय ने 20 दिसंबर को डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने का निर्णय पंजाब सरकार के अधिकारियों और डॉक्टरों पर छोड़ दिया था। अदालत ने कहा था कि 70 वर्षीय डल्लेवाल को पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर विरोध स्थल से 700 मीटर के भीतर स्थापित अस्थायी अस्पताल में ले जाया जा सकता है।