रात 9 बजे और बारिश, फिर भी PM मोदी के स्वागत में पलकें बिछाए खड़े रहे श्रीलंका के 5 मंत्री
- श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिसा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर सहित पांच शीर्ष मंत्रियों ने विशेष स्वागत करते हुए हवाई अड्डे पर मोदी की अगवानी की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार रात तीन दिवसीय यात्रा पर श्रीलंका की राजधानी कोलंबो पहुंए गए। शहर में बारिश होने और रात नौ बजने के बाद भी श्रीलंकाई सरकार के टॉप-5 मंत्री पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए पलकें बिछाए खड़े रहे। पीएम मोदी की इस यात्रा का उद्देश्य समग्र द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीके तलाशना है- खासकर ऊर्जा, व्यापार, संपर्क, डिजिटलीकरण और रक्षा के क्षेत्रों में। विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिसा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर सहित पांच शीर्ष मंत्रियों ने विशेष स्वागत करते हुए हवाई अड्डे पर मोदी की अगवानी की।
प्रधानमंत्री बैंकॉक की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद श्रीलंका की राजधानी पहुंचे। थाईलैंड में पीएम मोदी ने बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) के शिखर सम्मेलन में भाग लिया। पीएम मोदी शनिवार को राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ व्यापक वार्ता करेंगे। बैठक के बाद, भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटलीकरण के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने सहित लगभग 10 परिणाम सामने आने की उम्मीद है।
पीएम मोदी ने दो देशों की यात्रा पर रवाना होने से पहले गुरुवार को एक बयान में कहा, "हमारे पास साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देने के संयुक्त दृष्टिकोण पर हुई प्रगति की समीक्षा करने और हमारे साझा उद्देश्यों को साकार करने के लिए आगे मार्गदर्शन प्रदान करने का अवसर होगा।" तीन महीने पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति की नई दिल्ली यात्रा के दौरान संयुक्त दृष्टिकोण को अपनाया गया था। मामले से परिचित लोगों ने कहा कि रक्षा सहयोग पर एक समझौता उन सात समझौतों में से एक हो सकता है, जिन्हें अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है, इसके अलावा तीन और परिणाम सामने आ सकते हैं।
यदि हस्ताक्षर किए जाते हैं, तो रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन भारत-श्रीलंका रक्षा में एक प्रमुख उन्नति का संकेत देगा, जो लगभग 35 साल पहले भारत द्वारा द्वीप राष्ट्र से भारतीय शांति सेना (आईपीकेएफ) को वापस बुलाने से संबंधित कड़वे अध्याय को पीछे छोड़ देगा। प्रधानमंत्री की श्रीलंका यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब द्वीप राष्ट्र आर्थिक तनाव से उबरने के संकेत दे रहा है। देश दो साल पहले एक बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा था और भारत ने 4.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता दी थी।