अकेली पड़ी कांग्रेस! EVM पर शक के बीच उमर अब्दुल्ला का मोदी सरकार और आयोग को थैंक्यू
- उमर अब्दुल्ला ने चुनाव शांतिपूर्वक और बिना धांधली के कराने पर भाजपा सरकार की जमकर तारीफ की। उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'चुनाव में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और शांति से चुनाव हुए। कहीं कोई धांधली और उपद्रव की शिकायत नहीं आई। इसका श्रेय आपको, आपके साथियों और चुनाव आयोग को जाता है।'
कांग्रेस की ओर से लगातार ईवीएम पर सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन शरद पवार की एनसीपी और ममता बनर्जी की टीएमसी जैसे दल उसे नसीहत ही दे रहे हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने एक बार फिर से कांग्रेस को चुनाव में धांधली के आरोपों पर आईना दिखाया है। मौका था सोनमर्ग में टनल के उद्घाटन का। इस दौरान उमर अब्दुल्ला ने मंच पर बैठे पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की और उन्हें वादे पूरा करने वाला पीएम बताया। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारे वजीरे आजम ने हमेशा अपने वाले पूरे किए हैं। वह योग दिवस के मौके पर भी कश्मीर आए थे और उन्होंने तीन वादे किए थे। इनमें से दो पूरा कर दिया है, जबकि तीसरा ही बाकी है। इनमें से एक वादा दिल्ली और दिल की दूरी कम करने का है, जो उन्होंने पूरा किया है।
इसके अलावा दूसरा वादा जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव का है। उन्होंने योग दिवस के मौके पर वादा किया था और 4 महीने के अंदर ही पूरा कर दिया। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उस वादे को पूरा करने का ही नतीजा है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव हुए और मैं आप लोगों को बतौर मुख्यमंत्री संबोधित कर रहा हूं। यही नहीं उमर अब्दुल्ला ने चुनाव शांतिपूर्वक और बिना धांधली के कराने पर भाजपा सरकार की जमकर तारीफ की। उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘चुनाव में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और शांति से चुनाव हुए। कहीं कोई धांधली और उपद्रव की शिकायत नहीं आई। इसका श्रेय आपको, आपके साथियों और चुनाव आयोग को जाता है।’
आपने एक बात और कही थी, जिस पर लोग खूब सवाल करते हैं। इसके आगे उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह सवाल जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का है। मेरा दिल यह कहता है कि आप अपने इस तीसरे वादे को भी जल्दी ही पूरा करेंगे और जम्मू-कश्मीर जल्दी ही रियासत की हैसियत फिर से पाएगा। बता दें कि महाराष्ट्र चुनाव के बाद भी कांग्रेस ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे। इस पर उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि इस तरह के सवाल ठीक नहीं हैं। अब्दुल्ला ने कहा था कि आखिर तब आप ऐसे सवाल क्यों नहीं करते, जब आपको जीत मिलती है। आपने जिन राज्यों में जीत हासिल की, उस पर तो सवाल नहीं उठाए। इसलिए इस तरह का विरोध ठीक नहीं लगता। वहीं इस पर बिफरी कांग्रेस ने उमर अब्दुल्ला पर भड़कते हुए कहा था कि आप तो मुख्यमंत्री बनने के बाद बदल गए हैं।