सूर्योदय हुआ तो बिहार में राष्ट्रपति शासन लग गया और आधी रात को इमरजेंसी; ललन सिंह ने सुनाया वाकया
सिंह ने आंकड़ा देते हुए कहा कि पंडित नेहरू के कार्यकाल में सात बार, इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 51 बार, राजीव गांधी की सरकार में छह बार, पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में 11 बार और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 12 बार अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल हुआ।
केंद्रीय पंचायती राज मंत्री और जेडीयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने शुक्रवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए लोकसभा में कहा कि जिन लोगों ने सबसे ज्यादा संविधान को तार-तार किया, वे लोग संविधान की रक्षा करने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस का नाम लिए बिना ललन सिंह ने कहा कि देश पर सबसे लंबे समय तक राज करने वाले लोगों ने सैकड़ों बार संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं। उन्होंने संविधान में प्रावधान किए गए अनुच्छेद 356 का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने इस अनुच्छेद का इस्तेमाल रात के अंधेरे में चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकारों को गिराने के लिए किया है।
सिंह ने आंकड़ा देते हुए कहा कि पंडित नेहरू के कार्यकाल में सात बार, इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 51 बार, राजीव गांधी की सरकार में छह बार, पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में 11 बार और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 12 बार अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल कर चुनी हुई सरकारों को गिराकर राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
ललन सिंह ने फरवरी 2005 में नीतीश सरकार को गिराकर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का भी उल्लेख किया और कहा कि वह वाकया तो अभूतपूर्व है। बकौल सिंह तब की मनमोहन सिंह की सरकार में एक ताकतवर मंत्री ने रात के अंधेरे में मनमोहन सिंह को धमकी दी कि राज्य विधान सभा को भंग कर राष्ट्रपति शासन लगाइए, नहीं तो सरकार गिरा देंगे। इसका नतीजा यह हुआ कि चार बजे सुबह केंद्रीय कैबिनेट की मीटंग बुलाई गई और रातों रात प्रस्ताव पारित कर मॉस्को प्रवास पर गए राष्ट्रपति को फैक्स भेजकर दस्तखत करवाया और जब सुर्योदय हुआ तो बिहार में राष्ट्रपति शासन लग चुका था।
सिंह ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने दिन के उजाले में नहीं बल्कि रात के अंधेरे में हर बार संविधान की धज्जियां उड़ाईं। सिंह ने कहा कि इस देश में आपातकाल लगाने के लिए रात 12 बजे कैबिनेट मंत्रियों को बुलाया गया और आपातकाल के प्रस्ताव पर दस्तखत कराया गया और रातों-रात देश में इमरजेंसी घोषित कर दी गई। उन्होंने कहा कि यह इस संविधान की खूबसूरती है कि उसी में यह भी प्रावधान है कि जो संविधान का रक्षक है, उसे कहां जगह दी जाए और जो भक्षक है, उसके किस जगह पर रखा जाए।
ललन सिंह ने प्रियंका गांधी पर भी चुटकी ली और कहा कि मोदी सरकार पर चुटकुलों और व्यंग्यात्मक आरोप लगाने से पहले अपने पूर्वजों के बारे में भी तो सोच लेते, जिन्होंने एक नहीं सैकड़ों बार संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं। उन्होंने व्यंग्य कसा, "सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को। जो खुद संविधान के भक्षक हैं, वो संविधान के रक्षक बनने की बात कर रहे हैं।" सिंह ने कहा कि जब आप संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं तो देश की जनता आप पर हंसती है। आपको अब तो महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव नतीजों से सबक ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जी का मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास भी इसी संविधान से निकला मूल मंत्र है।