जिनका नाम लेने से आप झिझकते हैं, खुद को बचाने के लिए फिर धड़ाधड़ क्यों लेते हैं; किसका जिक्र कर प्रियंका ने बोला हमला
प्रियंका गांधी ने कहा कि सत्ता पक्ष के ज्यादातर साथी आज भी अतीत की बात करते हैं। अतीत में क्या हुआ, नेहरू जी ने क्या किया, हमेशा इसी की बात करते रहते हैं। उन्होंने कहा, अरे वर्तमान की बात कीजिए।
‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस महासचिव और वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और दावा किया कि अगर लोकसभा चुनाव के नतीजे इस तरह नहीं आते तो यह सरकार संविधान बदलने का काम कर चुकी होती। उन्होंने लोकसभा में आरोप लगाया कि ‘एक व्यक्ति’ को बचाने के लिए देश की जनता को नकारा जा रहा है। वायनाड से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद संसद पहुंची प्रियंका गांधी का सदन में उनका यह पहला भाषण था।
प्रियंका गांधी ने कहा कि सत्ता पक्ष के ज्यादातर साथी आज भी अतीत की बात करते हैं। अतीत में क्या हुआ, नेहरू जी ने क्या किया, हमेशा इसी की बात करते रहते हैं। उन्होंने कहा, "अरे वर्तमान की बात कीजिए। देश को बताइए कि आप क्या कर रहे हैं? आपकी जिम्मेदारी क्या है? क्या सारी जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू की है?"
इससे आगे प्रियंका गांधी वाद्रा ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का उल्लेख करते हुए कहा, “जिनका नाम लेने से कभी-कभी आप झिझकते हैं, और कभी-कभी जिनका नाम धड़ाधड़ इस्तेमाल किया जाता है अपने आप को बचाने के लिए। उन्होंने HAL, BHEL, SAIL, GAIL, ONGC, NTPC, रेलवे, IIT, IIM, तेल रिफाइनरियां और कई सार्वजनिक उपक्रम स्थापित किए। अध्यक्ष महोदय, उनका नाम पुस्तकों से मिटाया जा सकता है, भाषणों से मिटाया जा सकता है लेकिन उनकी जो भूमिका रही, इस देश की आजादी के लिए और इस देश के निर्माण के लिए, उसे इस देश से कभी नहीं मिटाया जा सकता।”
कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार आर्थिक न्याय का सुरक्षा कवच तोड़ रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि आज संसद में बैठी सरकार बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रही जनता को क्या राहत दे रही है? कृषि कानून भी उद्योगपतियों के लिए बन रहे हैं। कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि आज किसान भगवान भरोसे है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा संविधान लोगों के लिए सुरक्षा कवच है जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है। यह न्याय, एकता, और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है।’’ उन्होंने कहा कि ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये आरक्षण को कमजोर किया जा रहा है।
प्रियंका गांधी ने लोकसभा चुनाव के नतीजों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में इन्हें (भाजपा) हारते-हारते जीतने से एहसास हुआ कि इस देश में संविधान बदलने की बात नहीं चलेगी।’’ प्रियंका गांधी का कहना था कि आज जाति जनगणना का जिक्र सत्तापक्ष कर रहा है क्योंकि ऐसे नतीजे आए। प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है...हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद, अभिव्यक्ति और आकांक्षा की वह जोत है जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जलती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद और आशा की एक जोत हमने देश के कोने-कोने में देखी है।’’ (भाषा इनपुट्स के साथ)