भाई राहुल के ही रास्ते पर प्रियंका गांधी, संसद के पहले ही भाषण में दिखा दिया ट्रेलर
- वायनाड सीट से पहली बार संसद पहुंचीं प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को अपना डेब्यू भाषण दिया। लोकसभा में 'भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा' पर चर्चा करते हुए प्रियंका ने संविधान और अडानी के मुद्दे पर बीजेपी को जमकर घेरा।
केरल के वायनाड से जीतकर संसद पहुंचीं प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को लोकसभा में अपना पहला भाषण दिया। इस डेब्यू स्पीच में प्रियंका ने भी कई ऐसे मुद्दे उठाए, जिन्हें उनके भाई और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लंबे समय से उठाते रहे हैं। बिजनेसमैन गौतम अडानी, जातिगत जनगणना, संविधान, मणिपुर हिंसा आदि जैसे मुद्दों के जरिए प्रियंका ने साफ कर दिया कि वह भी भविष्य में राहुल गांधी के ही रास्ते पर चलने वाली हैं। कांग्रेस महासचिव के पहले भाषण को देखकर राजनीतिक एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि यह तो अभी ट्रेलर है और आने वाले समय में भी प्रियंका इसी तरह के मुद्दों के जरिए बीजेपी सरकार पर हमला करती रहेंगी। प्रियंका यूं तो राजनीति में नई नहीं हैं। वह दशकों से पहले अपनी मां और फिर भाई राहुल के लिए चुनावी प्रचार करती रही हैं, लेकिन इस बार उन्होंने लोकसभा उपचुनाव लड़ते हुए वायनाड से बड़ी जीत दर्ज की। इस सीट पर पिछले दो बार से उनके भाई राहुल गांधी ही जीतते आ रहे थे।
डेब्यू भाषण में क्या बोलीं प्रियंका?
लोकसभा में 'भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा' पर चर्चा करते हुए प्रियंका ने संविधान और अडानी के मुद्दे पर बीजेपी को जमकर घेरा। उन्होंने सरकार पर भय फैलाने का आरोप लगाया और कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद प्रधानमंत्री यह समझ नहीं पाए हैं कि संविधान 'संघ का विधान' नहीं है। प्रियंका ने कहा, ''संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा है। यह वादा एक सुरक्षा कवच है, जिसे तोड़ने का काम शुरू हो चुका है। आज सत्तापक्ष बार-बार संविधान इसलिए कह रहा है, क्योंकि इस चुनाव में हारते-हारते जीतने के बाद उन्हें पता चल गया कि देश की जनता ही संविधान को सुरक्षित रखेगी और संविधान बदलने की बात इस देश में नहीं चलेगी।''
पहले ही भाषण में कर दिया अडानी का जिक्र
राहुल गांधी लंबे समय से गौतम अडानी पर हमला बोलते आए हैं। उन्हें कई बार सपा, टीएमसी जैसे दलों से इस मुद्दे पर उतना साथ नहीं मिला है, जितनी जरूरत थी, लेकिन फिर भी वे अडानी का मुद्दा सड़क से संसद तक उठाते रहे। कई बार इसी मुद्दे पर हंगामे के चलते संसद भी कई दिनों तक ठप रही। पिछले भाषणों में राहुल संसद में अडानी पर हमला बोलते हुए केंद्र सरकार पर उन्हें फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते रहे हैं। अब प्रियंका ने भी पहले ही भाषण में अडानी के नाम का जिक्र कर दिया। प्रियंका ने कहा, ''देश देख रहा है कि किस तरह एक व्यक्ति को बचाने के लिए देश की जनता को नकारा जा रहा है। सारे बिजनेस, सारे संसाधन, सारी दौलत, सारे मौके एक ही व्यक्ति को सौपें जा रहे हैं। देश का बंदरगाह, पोर्ट, एयरपोर्ट, सड़कें, रेलवे, सरकारी कंपनियां सिर्फ एक ही व्यक्ति को दी जा रही हैं। जनता के मन में हमेशा विश्वास होता था कि अगर हमारे पास कुछ नहीं है तो संविधान हमारी सुरक्षा करेगा। लेकिन आज आम लोगों के बीच यह धारणा बनती चली जा रही है कि सरकार सिर्फ अडानी के मुनाफे के लिए चल रही है।''
राहुल की ही तरह उठाए मणिपुर, नफरत आदि मुद्दे
मणिपुर में लंबे समय तक हिंसा का माहौल रहा। राहुल गांधी ने खुद भी वहां का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात की। इसके बाद यह मुद्दा पिछले कई संसद सत्रों में राहुल ने संसद में उठाया और केंद्र सरकार को जमकर घेरा। अब प्रियंका ने भी मणिपुर हिंसा का जिक्र संसद में किया है। इसके साथ ही, नफरत, मोहब्बत की दुकान आदि की भी बात की। प्रियंका ने कहा, ''जहां भाई-चारा और अपनापन होता था, वहां घृणा और शक के बीज बोए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री सदन में संविधान को माथे पर लगाते हैं, लेकिन जब संभल, हाथरस और मणिपुर में न्याय की गुहार उठती है तो उनके माथे पर शिकन नहीं आती। जिस मोहब्बत की दुकान पर सरकार के लोगों को हंसी आती है, उसके साथ देश के करोड़ों लोग चले।''