मणिपुर में उग्रवादियों के हाथों तक कैसे पहुंचा मस्क का स्टारलिंक? जमकर हो रहा था इस्तेमाल
- Elon Musk Starlink: अरबपति एलन मस्क की इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक के उपकरणों का उपयोग मणिपुर में किया जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक समूह ने दावा किया है कि म्यांमार की सीमा से लगे मणिपुर के कुछ इलाकों में स्टारलिंक काम करता है।
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सरकार ने इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। लेकिन हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसके मुताबिक मणिपुर में जातीय हिंसा करने वाले उग्रवादी समूह एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक के उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं। आपको बता दें कि स्टारलिंक को फिलहाल भारत में सेवाएं देने के लिए सरकार से कोई लाइसेंस नहीं मिला है।
स्टारलिंक के भारत में इस्तेमाल किए जाने को लेकर पहले भी खबरें सामने आ चुकी हैं। हालांकि तब एलन मस्क ने खुद सामने आकर इस पूरे मामले को स्पष्ट करते हुए कहा था कि वहां पर स्टारलिंक नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत के ऊपर स्टारलिंक उपग्रह बीम काम नहीं करते। हालांकि अब इसके कुछ दिनों बाद द गार्जियन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक मैतेई अलगाववादी उग्रवादी संगठन “पीपुल्स लिबरेशन आर्मी” के एक नेता ने बताया कि उनके संगठन ने मणिपुर में इंटरनेट ब्लैकआउट के दौरान स्टारलिंक के इंटरनेट का इस्तेमाल किया था।
उग्रवादियों द्वारा स्टारलिंक के उपकरणों का उपयोग किए जाने का मामला पिछले महीने सामने आया था, जब एक झड़प के दौरान असम राइफल्स ने उग्रवादियों के पास से स्टारलिंक डिवाइस बरामद किया था। इससे भारत की सुरक्षा चिंताओं में और भी इजाफा हुआ था क्योंकि स्टारलिंक को भारत में ऑपरेट करने की अनुमति नहीं दी गई है। इस बात को लेकर गार्जियन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चूंकि पड़ोसी म्यांमार की सरकार ने स्टारलिंक को अनुमित दी है इसलिए मणिपुर में भी इसके उपकरण देखने को मिल रहे हैं।
रिपोर्ट में मुताबिक सूत्र ने बताया कि संगठन ने पहले मणिपुर में स्टारलिंक डिवाइस का उपयोग किया था। लेकिन बाद में जब हम भारत की सीमा के अंदर आए तो हमें पता चला कि यह मणिपुर में भी काम करता है। इसके बाद हम लोगों ने भारत में भी स्टारलिंक के उपकरणों का इस्तेमाल किया।
गार्जियन ने स्थानीय पुलिस के हवाले से दावा किया कि वास्तव में स्टारलिंक मणिपुर के कुछ इलाकों में काम करता है। यह मुख्यत वह इलाके हैं जो कि म्यांमार की सीमा से लगे हुए हैं। हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि राज्य में आतंक मचा रहे कितने समूहों के पास इन उपकरणों की पहुंच हैं। क्योंकि इस संगठन के अलावा चार संगठनों ने स्टारलिंक के उपकरणों का इस्तेमाल करने से इनकार किया है। रॉयटर्स के मुताबिक पुलिस को पहले भी संदेह था कि उग्रवादी यहां पर इंटरनेट के लिए स्टारलिंक उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं।