बोले मेरठ : गरम पानी उगल रहे वाटर कूलर
Meerut News - मेरठ में गर्मी बढ़ने के साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर पीने के पानी की किल्लत बढ़ रही है। मेडिकल कॉलेज, बस अड्डा और रेलवे स्टेशन पर ठंडे पानी की व्यवस्था नहीं है। मरीज और यात्री गर्म पानी पीने को मजबूर...
मेरठ। गर्मी की तपिश जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे ही सार्वजनिक स्थलों पर पीने के पानी की किल्लत भी बढ़ती जा रही हैं। तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है और सूरज की लपटें ऐसे झुलसा रही हैं, जैसे आसमान से आग बरस रही हो। ऐसे में सबसे बड़ी जरूरत ठंडे और साफ पीने के पानी की है, लेकिन शहर के सबसे जरूरी सार्वजनिक स्थलों मेडिकल कॉलेज, बस अड्डा और रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए पीने के पानी की कोई खास और ठोस व्यवस्था नहीं है। हिंदुस्तान बोले मेरठ टीम ने ठंडे पानी की तलाश में भटकते लोगों से उनकी व्यथा जानी।
मेरठ जिले में एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज परिसर में मौजूद सरदार वल्लभ भाई पटेल अस्पताल की ओपीडी रोज भरी रहती है। 1500 से 2000 लोग दूर-दूर से यहां इलाज के लिए आते हैं। वहीं जिला अस्पताल की बात करें तो यहां एक हजार से ज्यादा संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। सुबह होते ही यहां लोगों की लाइनें लग जाती हैं। दोनों ही ऐसी जगह हैं जहां मरीजों को पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकता होती है। खासकर जब गर्मी जला रही हो, ऐसे में ठंडा पानी मिल जाए तो राहत की सांस आती है। वहीं शोहराबगेट बस अड्डे से लखनऊ, प्रयागराज, आगरा, बुलंदशहर, हापुड, मुरादाबाद, गढ़ मुक्तेश्वर और बरेली के लिए हजारों की संख्या में यात्री आवागमन करते हैं। वहीं भैंसाली बस अड्डे से दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा हरियाणा, बागपत, देहरादून के लिए रोज हजारों यात्री अपने गंतव्य के लिए यात्रा करते हैं। इनके साथ ही सिटी रेलवे स्टेशन और कैंट रेलवे स्टेशन से भी ट्रेन यात्रा करने वाले बड़ी संख्या में लोग शामिल हैं। हिंदुस्तान बोले मेरठ टीम ने इन सभी जगहों पर लोगों से गर्मी में पानी की व्यवस्था संवाद किया और इन सभी सार्वजनिक जगहों पर व्यवस्था की पड़ताल की। वाटर कूलर हैं, पर ठंडा पानी नहीं मेडिकल कॉलेज के अंदर प्रवेश करने के बाद खिड़कियों पर लंबी लाइन लगी दिखी। ये लाइनें गर्मी में खड़े उन लोगों की थीं, जो खुद को या फिर अपने परिजनों को दिखाने के लिए ओपीडी का पर्चा बनवाने और कुछ दवाइयां लेने की बाट देख रहे थे। सैकड़ों की संख्या में लाइन में लगे इन लोगों में से जब कोई व्यक्ति पसीने पोंछते हुए निकलता है, तो सबसे पहले पानी पीने के लिए आसपास व्यवस्था खोजता है। देखा कि पर्चा काउंटर के पास ही एक वाटर कूलर लगा है, जहां पानी पीने और कुछ लोग बोतल में पानी भरते नजर आए। उन लोगों से पूछा गया कि पानी ठंडा आ रहा है, तो उनका कहना था कि यह वाटर कूलर पानी ठंडा नहीं करता, सीधे टंकी को इसमें फिट कर रखा है, और इसमें से ही लोग ठंडा पानी समझकर भरते हैं। वहीं पास में लगा हैंडपंप खराब हो चुका है, जो अब पानी नहीं देता। पीने के पानी की जगह फिसल रहे लोग मेडिकल कॉलेज में आसपास दो जगहों पर पीने के पानी की व्यवस्था दिखी। जहां प्यास मिटाने के लिए पानी भर रहे सलमान, राहुल, श्रवण, आशु और सविता देवी का कहना था, कि गर्मी में भी यहां ठंडा पानी नहीं मिलता। वाटर कूलर तो दिखता है, लेकिन इसके अंदर से पानी नॉर्मल आता है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाती है, इस वाटर कूलर का पानी भी गरम होता जाता है। वहीं पांचली की रहने वाली सज्जो भी अपनी बहू को दिखाने के लिए मेडिकल आई थी। पानी पीने के लिए जैसे ही सज्जो की बहू पहुंची तो वह अचानक नीचे काई में फिसलकर गिर गई। जहां पीने का पानी गरम और गंदगी के कारण मरीजों को जूझना पड़ रहा है। घंटों लाइन में लगने के बाद भी राहत नहीं मेडिकल कॉलेज में दूर-दराज़ से आने वाले सैकड़ों मरीज और उनके परिजन इलाज की आस लेकर घंटों लाइन में खड़े रहते हैं। बीमारी से जूझते इन लोगों के लिए ठंडा पानी एक राहत की तरह हो सकता है, लेकिन यहां भी इन्हें गर्म पानी पीकर संतोष करना पड़ता है। सीताराम, संतोष कुमार और राजकुमार का कहना है कि ठंडा पानी पूरे मेडिकल कॉलेज में नहीं है। हैंडपंप टूटे पड़े हैं और वाटर कूलर में किसी भी जगह ठंडा पानी नहीं आता। इसी पानी को पीकर लोग अपनी प्यास बुझाते हैं। साथ ही पीने के पानी के आसपास गंदगी के कारण लोग परेशान रहते हैं। बिजली आती है तो ठंडा होता है पानी शोहराबगेट बस अड्डे पर पहुंचे तो वहां एक वाटर कूलर लगा हुआ है, उसके ऊपर एक पानी की टंकी बैकअप के लिए रखी है। जब पानी खाली हो जाता है तो उसको भर दिया जाता है। बस अड्डा इंचार्ज महेश कुमार का कहना है कि हर डेढ़ घंटे में टंकी भरी जाती है। आजकल गर्मी में बहुत ज्यादा पानी की खपत हो रही है। आसपास सड़क खुदी पड़ी है, तो कुछ जगहों पर पानी की लाइनें टूटी पड़ी हैं, जिसके चलते यात्रियों के साथ अन्य लोग भी पानी ले जाते हैं। लेकिन आजकल बिजली कई घंटे चली जाती है तो पानी ठंडा नहीं हो पाता। पास में लगा आरओ वाला वाटर कूलर खराब स्थिति में रखा हुआ है। जिसको शायद कभी ठीक कराने की कोशिश नहीं की गई। ठंडे पानी की तलाश में यात्री रहते हैं, लेकिन कई बार उनको नॉर्मल पानी से ही प्यास बुझानी पड़ती है। भैसाली बस अड्डे पर ठंडे पानी की तलाश दिल्ली बस अड्डा, जिसको भैसाली बस अड्डे के नाम से जाना जाता है, यहां लगे वाटर कूलर भी पानी ठंडा नहीं कर पा रहे हैं। तपती दोपहरी में दिल्ली और नोएडा जाने वाले सतीश शर्मा, विशेष कुमार और राकेश कुमार का कहना है कि ठंडा पानी तो यहां किसी भी वाटर कूलर में नहीं है। बीस रुपये की बोतल लो और तब जाकर ठंडा पानी पियो। किसी के पास पैसे ना हों तो उसे इसी पानी से सब्र करना पड़ता है। भले ही यह पानी गर्मी में उबल क्यों ना रहा हो, लोगों की मजबूरी भी बन जाती है। पानी मिल जाता है, वही बहुत है जिला अस्पात में पब्लिक के लिए बाहरी ओर तीन वाटर कूलर लगे हैं। इनमें पानी तो आता है, लेकिन ठंडा नहीं होता। लोगों का कहना है कि बस काम चल ही रहा है, लोग किसी तरह अपनी प्यास बुझा रहे है। यहां सैकड़ों की संख्या में रोज मरीज आते हैं, इसके बावजूद ठंडे पानी की कोई खास व्यवस्था नहीं है। शबनम, रहीसुद्दीन और इमरान का कहना है कि लोग ठंडे पानी के लिए भटकते रहते हैं, ऐसे मरीजों को ठंडे पानी की बोतल खरीदनी पड़ती है। दर्जनों ट्रेन, हजारों यात्री करते हैं सफर रेलवे स्टेशन की बात करें तो यहां से रोज दर्जनों ट्रेनें गुजरती हैं। सिटी रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर कैंट स्टेशन भी है। सिटी रेलवे स्टेशन के हालात ये हैं कि तपती गर्मी में राहत देने के लिए ठंडे पानी के लिए वाटर कूलर तो लगे हैं, लेकिन उनमें से कुछ गरम पानी फेंकते हैं। जिस जगह यात्रियों की संख्या कम होती है, वहां वाटर कूलर का पानी बहुत ठंडा हो जाता है, लेकिन कहीं यात्रियों की संख्या अधिक होने के कारण पानी ठंडा ही नहीं हो पाता। ऐसे में जब कुछ ट्रेनें चंद मिनटों के लिए रुकती है तो यात्रियों की आपाधापी में पानी भी गरम हो जाता है। स्टेशन पर यात्रा के लिए खड़े रक्षित शर्मा, शिवानी गौतम और राम निवास कहते हैं कि इस भीषण गर्मी में जब प्यास लगी हो और चारों ओर सिर्फ गर्म पानी मिले, तो पीड़ा और बढ़ जाती है। ठंडे पानी की व्यवस्था को लगे वाटर कूलर की व्यवस्था सुचारू होनी चाहिए। या तो 20 की बोतल खरीदो, या फिर समझौता करो लोगों का कहना है कि हालात ऐसे हो गए हैं, कि आम आदमी के पास दो ही विकल्प हैं, या तो हर बार 20 रुपये की मिनरल वॉटर की बोतल खरीदें, या फिर सरकारी वाटर कूलर से गर्म पानी पीकर प्यास बुझाएं। गरीब और निम्न आय वर्ग के लोग हर बार बोतल नहीं खरीद सकते। ऐसे में कई बार वे पानी पीने से भी बचते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक जैसी बीमारियां बढ़ने लगती हैं। लोगों का कहना है कि वाटर कूलर में ऐसे सिस्टम लगाए जाएं जो बढ़ती गर्मी में भी पानी को ठंडा रख सकें। नियमित मेंटेनेंस और मॉनिटरिंग जरूरी है। इसके साथ ही, शहर के इन प्रमुख स्थलों पर आरओ वाटर प्लांट और शीतल जल वितरण केंद्र बनाए जाने चाहिएं। समस्याएं - सरकारी अस्पतालों में लगे वाटर कूलर ज्यादतर खराब हैं - सरकारी नलों की भी व्यवस्था खराब पड़ी हुई है - बस अड्डों पर भी वाटर कूलर गरम पानी देते हैं - रेलवे स्टेशन पर लगे वाटर कूलर पानी ठंडा नहीं करते - अधिकतर वाटर कूलर में ठंडा पानी नहीं आता है सुझाव - सभी सरकारी अस्पतालों में लगे वाटर कूलर ठीक किए जाएं - अस्पतालों में मरीजों की संख्या के अनुसार वाटर कूलर हों - यात्रियों के लिए बस अड्डों पर भी वाटर कूलर ठीक किए जाएं - रेलवे स्टेशन पर लगे वाटर कूलर की व्यवस्था को ठीक करें - सार्वजनिक स्थलों पर लगे खराब वाटर कूलर ठीक किए जाएं इन्होंने कहा यह वाटर कूलर ठंडा पानी कहां से देगा, सीधा टंकी से पानी आ रहा है, सादा पानी आता है और वह भी गरम रहता है। - बलबीर सिंह नागर ठंडे पानी की बड़ी समस्या है, इतने सारे मरीज आते हैं, लेकिन कहीं भी ठंडा पानी नहीं है, गर्मी में और गर्म हो जाता है। - उमर मोहम्मद पीने के पानी के आसपास बहुत गंदगी रहती है, लोग फिसलकर गिर जाते हैं, एक महिला पानी पीते हुए फिसल गई। - अनिल कुमार मेडिकल में दूर-दूर से लोग आते हैं, पर्चा बनवाने के लिए लाइन में खड़े रहना पड़ता है, ऐसे में ठंडा पानी राहत देता है। - मोहम्मद आरिफ मैं तोफापुर से आया हूं, वाटर कूलर तो नाम के हैं, किसी में भी ठंडा पानी नहीं आ रहा है, हैंडपंप पूरी तरह खराब पड़े हैं। - रवि शेखर पीने के पानी की जगह गंदगी बहुत रहती है, पानी पीते समय लोग कई बार गिरते रहते हैं, साफ सफाई होनी चाहिए। - पूजा यहां वाटर कूलर लगा है, कई बार बिजली भाग जाती है तो पानी ठंडा नहीं हो पाता, आसपास के लोग भी यहीं से पानी ले जाते हैं। - बबलू राज यह वाटर कूलर नया लगा है, लेकिन बिजली नहीं आने के कारण पानी ठंडा नहीं कर पाता, बैकअप के लिए टंकी भी है। - जयपाल सिंह गरीब और निम्न आय वर्ग के लोग हर बार बोतल नहीं खरीद सकते, ऐसे में कई बार वे जैसा पानी मिलता है पी लेते हैं। - अमन स्टेशन पर लगे वाटर कूलरों में सादा पानी ही आता है, यात्री भी मजबूरी और जल्बाजी में जैसा पानी मिल जाता है, भर लेते हैं। - मोमीन जब यात्रियों की ज्यादा भीड़ होती है, तब ठंडे पानी की ज्यादा किल्लत होती है, क्योंकि एक तो गर्मी ऊपर से लोगों की आपाधापी। - एकांत सभी जगहों पर लगे वाटर कूलर ठीक किए जाने चाहिएं, गर्मी लगातार बढ़ रही है, तो ऐसे में यात्रियों को ठंडा पानी मिलना चाहिए। - राहुल
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