सवर्णों के ताबूत में आखिरी कील है जातीय जनगणना; Brahim Genes वाली अनुराधा तिवारी का अब किस पर निशाना
- अनुराधा तिवारी ने एक्स पर लिखा, 'एक तरफ आप हिंदू एकता का उपदेश देते हैं। दूसरी तरफ जातिगत जनगणना चाहते हैं। यह जनगणना सामान्य वर्ग के लोगों से वे थोड़े से अवसर भी छीन लेगी, जो उन्हें मिल रहे हैं। हर नीति पहले ही सामान्य वर्ग के खिलाफ है। अब यह जनगणना ताबूत में आखिरी कील की तरह होगी।'
बेंगलुरु की एक कंपनी की सीईओ अनुराधा तिवारी ने फिर से जातिगत जनगणना को गलत बताते हुए एक पोस्ट किया है। अपनी तस्वीर के साथ Brahmin Genes कैप्शन लिखने के बाद से चर्चा में आईं अनुराधा तिवारी लगातार एक्स पर पोस्ट लिख रही हैं। अब उन्होंने लिखा है कि एक तरफ आप हिंदू एकता का उपदेश देते हैं और दूसरी तरफ जाति जनगणना चाहते हैं। अनुराधा तिवारी ने अपनी पोस्ट में किसी व्यक्ति या संगठन का नाम नहीं लिया है। लेकिन सोमवार को ही आरएसएस ने इस संबंध में बयान दिया था कि हम जातीय जनगणना के खिलाफ नहीं है, लेकिन इसका राजनीतिक इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
ऐसे में यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि शायद आरएसएस के बयान को लेकर ही अनुराधा तिवारी ने यह पोस्ट लिखा है। अनुराधा तिवारी ने लिखा, 'एक तरफ आप हिंदू एकता का उपदेश देते हैं। दूसरी तरफ जातिगत जनगणना चाहते हैं। यह जनगणना सामान्य वर्ग के लोगों से वे थोड़े से अवसर भी छीन लेगी, जो उन्हें मिल रहे हैं। हर नीति पहले ही सामान्य वर्ग के खिलाफ है। अब यह जनगणना ताबूत में आखिरी कील की तरह होगी।' यही नहीं एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि अन्य लोगों को तब खराब कहा जाता है, जब वे खराब हों। लेकिन ब्राह्मणों को सिर्फ ब्राह्मण होने के चलते बेकार बताया जाता है।
पिछले दिनों अनुराधा तिवारी की पोस्ट पर नसीहत देते हुए लेखक चेतन भगत ने भी एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि विपक्ष को जाति की बात अच्छी लगती है क्योंकि इससे हिंदू एकता टूटती है। इसी तरह ब्राह्मण जीन्स की बात करना भी विपक्ष को अच्छा लगेगा। इस पर अनुराधा तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा था कि आखिर जातीय जनगणना, आरक्षण जैसे मसलों से क्या हिंदू एकता को कोई खतरा नहीं है।
गौरतलब है कि 30 सितंबर को भी अनुराधा तिवारी ने एक ट्वीट किया था। अनुराधा ने लिखा था, ‘सवर्ण इस देश में सबसे ज्यादा टैक्स चुकाते हैं। फिर उसी टैक्स का इस्तेमाल जातीय जनगणना में होना है। और जातीय जनगणना का प्रयोग आरक्षण बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इस तरह हम तो अपने ही ताबूत के लिए रकम चुका रहे हैं।’