'निशिकांत दुबे ने सही बात बोली', CJI पर बयान का BJP महिला नेता ने किया समर्थन; पार्टी बना चुकी दूरी
- निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई संजीव खन्ना के खिलाफ तीखी टिप्पणी की, जिससे विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट धार्मिक युद्ध भड़का रहा है और CJI देश में गृह युद्धों के लिए जिम्मेदार हैं।

देश के मुख्य न्यायाधीश खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी का अग्निमित्रा पॉल ने समर्थन किया है। बीजेपी की महिला नेता ने कहा कि निशिकांत दुबे ने सही बात बोली है। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में अग्निमित्रा पॉल ने कहा, 'हमारे देश में राष्ट्रपति ही मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते हैं। ऐसे में राष्ट्रपति के निर्देश का अवमानना सीजेआई कैसे कर सकते हैं। संसद में देशभर के सांसद बैठकर कानून बनाते हैं, अगर आप उसका खंडन कर देंगे तो यह कहां का नियम है। अगर ऐसा ही है तो संसद को बंद कर दीजिए। क्या देश को चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट की ओर से चलाया जाएगा? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर राष्ट्रपति की बात नहीं मानी जाएगी तो फिर सब कुछ सीजेआई को ही करना चाहिए।
निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई संजीव खन्ना के खिलाफ तीखी टिप्पणी की, जिससे विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट धार्मिक युद्ध भड़का रहा है और CJI देश में गृह युद्धों के लिए जिम्मेदार हैं। दुबे ने सवाल उठाया कि क्या उच्चतम न्यायालय संसद को कानून बनाने के लिए निर्देश दे सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट को ही कानून बनाना है, तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रपति के फैसलों पर समयसीमा तय करने के एससी के अधिकार पर भी आपत्ति जताई। दुबे ने मुख्य न्यायाधीश की कार्यशैली को न्यायिक अति करार दिया। उनके इस बयान की विपक्षी दलों ने कड़ी निंदा की और इसे संवैधानिक संस्थाओं का अपमान बताया गया।
भाजपा ने बयान से बना ली थी दूरी
भाजपा आलाकमान ने भी अपने सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन बयानों को सांसदों के निजी विचार बताकर खारिज कर दिया। नड्डा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘भाजपा का उसके सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की न्यायपालिका और प्रधान न्यायाधीश पर की गई टिप्पणियों से कोई लेना-देना नहीं है। ये उनकी निजी टिप्पणियां हैं। बीजेपी न तो उनसे सहमत है और न ही ऐसी टिप्पणियों का कभी समर्थन करती है। भाजपा इन्हें पूरी तरह से खारिज करती है।’ नड्डा ने यह भी कहा कि उन्होंने दोनों नेताओं और अन्य लोगों को ऐसी टिप्पणियां न करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान किया है और उसके सुझावों व आदेशों को सहर्ष स्वीकार किया है, क्योंकि एक दल के तौर पर उसका मानना है कि शीर्ष अदालत समेत सभी अदालतें लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं।