राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन BJP दफ्तर में धमाके का था प्लान, रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस में NIA का खुलासा
- बेंगलुरु के रामेश्वरम रेस्टोरेंट पर हमला करने वाले आतंकियों का प्लान बहुत ही खतरनाक था। एनआईए के अनुसार, इन दोनों आतंकियों ने राम मंदिर की स्थापना के दिन भाजपा के कार्यालय पर असफल हमला भी किया था।
बेंगलुरु के रामेश्वरम रेस्टोरेंट पर हमला करने वाले आतंकियों को लेकर नया खुलासा हुआ है। एनआईए के अनुसार, दोनों ही आतंकियों ने अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के दिन भाजपा को सबक सिखाने के लिए बेंगलुरु में भाजपा के कार्यालय पर असफल हमला किया था। उनका यह हमला नाकाम रहा फिर इन्होंने कहीं और हमला करने की योजना बनाई। सोमवार को एनआईए ने रामेश्वरम् बम धमाके में आरोपी इन चारों आतंकियों, मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के खिलाफ दायर किए आरोप पत्र में यह खुलासा किया।
एनआईए की जांच के मुताबिक, कैफे में बम रखने वाला शख्स ताहा और शाजिब इस्लामिक स्टेट के अल-हिंद मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद से 2020 से फरार थे। बम धमाके के 42 दिन बाद इनकी गिरफ्तारी हुई थी। एनआईए ने बताया कि इनके हैंडलर इन्हें क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पैसे देते थे, जिनका उपयोग यह दोनों आतंक की घटनाओं को अंजाम देने के लिए करते थे। इन दोनों ने ही मिलकर 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के दिन भाजपा को सबक सिखाने के लिए बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर आईईडी से हमला करने की कोशिश की थी, लेकिन यह अपने खतरनाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए थे, जब यह दोनों यहां पर असफल हो गए तो फिर इन्होंने रामेश्वरम कैफे में बम धमाके की योजना बनाई।
1 मार्च को दहला था रामेश्वरम् कैफे, 9 लोग हुए थे घायल
22 जनवरी को अपने नापाक इरादों में कामयाब नहीं हो पाने के बाद इन आतंकियों ने रामेश्वरम् कैफे को निशाना बनाने का फैसला किया। 1 मार्च को बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड इलाके में स्थित रामेश्वरम कैफे में इन्होंने मिलकर आईईडी विस्फोटक सामग्री रख दी और वहां से निकल गए। कुछ देर बाद हुए धमाके में 9 लोग घायल हो गए थे। इस धमाके के 42 तक पुलिस ने लगातार छापेमारी की, जिसके बाद इन दोनों को गिरफ्तार किया गया।
मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर ISIS से जोड़ते थे शाजिब और ताहा
एनआईए की जांच के मुताबिक यह दोनों ही आतंकवादी संगठन ISIS के लिए भर्ती करने का काम करते थे। यह मुस्लिम युवाओं को भड़काकर उनका ब्रेनवॉश करने का काम सक्रिय रूप से करते थे। इनके साथ गिरफ्तार किए गए दो और लोगों को इन्होंने ही इस आतंकी संगठन में भर्ती कराया था। युवाओं की संगठन में भर्ती कराने के लिए इनको पैसे भी मिलते थे। इनके हेंडलर द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से इनको पैसा भेजा जाता था। इन दोनों ने ही धोखाधड़ी करके फर्जी नामों पर सिमकार्ड लिए फिर उनके माध्यम से बैंक अकाउंट भी खुलवाए। अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए उन्होंने डार्क वेब का इस्तेमाल भी किया।
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