महायुति या MVA, महाराष्ट्र में किसके हाथ लगेगी बाजी? टुडेज चाणक्या के विश्लेषण ने चौंकाया
- टुडेज चाणक्या के विश्लेषण ने भी यह संकेत दिया कि राज्य में सत्ता की कुर्सी महायुति के पास जा सकती है। सर्वे में जातिगत वोटिंग की भी दिलचस्प तस्वीर सामने आई है।
Todays chanakya analysis: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। लगभग सभी सर्वेक्षणों ने बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों की महायुति को भारी बढ़त की ओर बढ़ता दिखाया है। वहीं टुडेज चाणक्या के विश्लेषण ने साफ संकेत दिया है कि राज्य की सत्ता फिर से महायुति के हाथों में जा सकती है। टुडेज चाणक्या के मुताबिक, महायुति को 175 सीटों पर जीत का अनुमान है, जबकि विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) को 100 सीटें मिल सकती हैं। अन्य दलों को लगभग 13 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
जातिगत वोटिंग का दिलचस्प पैटर्न
विश्लेषण में जातिगत वोटिंग के रुझान भी सामने आए हैं। मराठा समुदाय में 48% वोट महायुति के पक्ष में जाते दिख रहे हैं, जबकि 38% एमवीए को मिल सकते हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति के भी बड़े वर्ग ने महायुति की ओर झुकाव दिखाया है, जहां 49% से अधिक मत महायुति के पक्ष में जाने की संभावना है। वहीं, मुस्लिम समुदाय का बड़ा हिस्सा एमवीए के साथ खड़ा नजर आ रहा है, जहां 75% मत एमवीए को मिलने का अनुमान है। ओबीसी वोटर्स में महायुति ने 50% समर्थन के साथ बढ़त बनाई है।
राजनीतिक समीकरण और असर
विश्लेषण पर गौर करें तो महायुति की ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मजबूत पकड़ नजप आ रही है। खासतौर पर ओबीसी, एसटी और मराठा समुदायों में महायुति की लोकप्रियता ने एमवीए के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। हालांकि, मुस्लिम वोटों का भारी झुकाव एमवीए के पक्ष में बना हुआ है, जो कुछ हद तक उसकी सीटों को बचा सकता है।
क्या कहता है राजनीतिक विश्लेषण?
यह चुनाव न केवल महाराष्ट्र की सियासत बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी अहम है। अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं, तो यह बीजेपी के लिए एक बड़ी जीत होगी और शिवसेना (शिंदे गुट) को भी मजबूती प्रदान करेगा। वहीं एमवीए के लिए यह हार बड़ी चुनौती बन सकती है। हालांकि, अब सबकी नजरें 23 नवंबर को आने वाले आधिकारिक नतीजों पर हैं, जो यह तय करेंगे कि महाराष्ट्र में राजनीतिक समीकरण किस ओर रुख करते हैं।