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Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़No need to make CM candidate before elections Sharad Pawar Uddhav MVA Maharashtra Chunav

चुनाव से पहले सीएम उम्मीदवार बनाने की कोई जरूरत नहीं, उद्धव को टेंशन दे रहे शरद पवार; बताया आगे का फार्मूला

  • राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष पवार ने यहां पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा, इस संबंध में फैसला चुनाव परिणामों के बाद किया जा सकता है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईWed, 4 Sep 2024 10:52 AM
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शरद पवार ने बुधवार को फिर दोहराते हुए कहा कि विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की ओर से आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपने सीएम पद के चेहरे की घोषणा नहीं करनी चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि विधानसभा चुनाव में पार्टी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के साथ चुनाव लड़ने की कोई जरूरत नहीं है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष पवार ने यहां पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा, इस संबंध में फैसला चुनाव परिणामों के बाद किया जा सकता है। बता दें कि एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं।

उद्धव को टेंशन दे रहे शरद पवार

शरद पवार का ये बयान ऐसे समय में आया है जब शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने विधानसभा चुनाव से पहले एमवीए द्वारा मुख्यमंत्री पद का चेहरा पेश करने पर जोर दिया है। उद्धव ने इस बात पर जोर दिया कि विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक सीट जीतने वाली पार्टी के मुख्यमंत्री पद पर दावे से संबंधित फॉर्मूले को अपनाने के बजाय महा विकास आघाड़ी चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करे। हालांकि उद्धव की बात का उनके सहयोगी खुलकर समर्थन करते नजर नहीं आ रहे हैं।

शरद पवार का क्या फार्मूला

शरद पवार ने फिर से कहा है कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार इस आधार पर तय किया जाएगा कि गठबंधन में कौन सी पार्टी सबसे अधिक सीट जीतती है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि एमवीए सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी करे और जल्द से जल्द चुनाव प्रचार शुरू करे। पवार ने कहा, ‘‘एमवीए नेताओं को सात से नौ सितंबर के बीच बातचीत शुरू करनी चाहिए।’’ उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चुनाव प्रक्रिया नवंबर के दूसरे सप्ताह तक पूरी हो जाएगी। पवार ने कहा कि एमवीए के बीच बातचीत में ‘पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी’ (पीडब्ल्यूपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इन पार्टियों का राज्य के कुछ क्षेत्रों में प्रभाव है और उन्होंने लोकसभा चुनाव में एमवीए की मदद की थी।’’

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