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कोरोना वायरस ने कर दिया कैंसर के मरीजों का इलाज! नई स्टडी से डॉक्टर्स हैरान, बन सकती है दवा

  • कैंसर के कुछ मरीजों को जब कोरोना हुआ तो वे बुरी तरह बीमार हुए। ठीक होने पर डॉक्टर्स ने एक चीज नोटिस की कि उनके ट्यूमर सिकुड़ गए थे। इसके बाद और स्टडी की गई तो काफी चौंकाने वाला रिजल्ट आया जो कैंसर के इलाज में मददगार हो सकता है।

Kajal Sharma लाइव हिन्दुस्तानMon, 18 Nov 2024 04:26 PM
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कोरोना वायरस ने कई जिंदगियां और घर बर्बाद किए। बीमार हुए लोगों में अभी भी साइड इफेक्ट्स दिख रहे हैं।। इस बीच इस वायरस से जुड़ी एक पॉजिटिव खबर आई है। कुछ डॉक्टर्स को ऐसा लग रहा है कि कोविड वायरस कैंसर के इलाज में मददगार साबित हो सकता है। दरअसल कई कैंसर के मरीजों को कोविड होने के बाद उनके ट्यूमर का साइज घट गया। इसे देखकर डॉक्टर्स भी हैरान थे और उन्होंने स्टडी की जिससे मिलने वाले रिजल्ट ने शोधकर्ताओं में उम्मीद जगाई है।

कोरोना से सिकुड़े ट्यूमर?

कोविड-19 और कैंसर से जुड़ी ये रिसर्च नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन कैनिंग थोरेसिक इंस्टिट्यूट में हुई थी। यह नवंबर के जर्नल ऑफ क्लीनिकल इन्वेस्टिगेशन में छपनी है। कोविड के समय यह देखा गया कि जो लोग कोरोना वायरस से काफी ज्यादा बीमार हो गए थे उनका ट्यूमर सिकुड़ गया या धीरे-धीरे बढ़ा। इस पर यूनिवर्सिटी के चीफ अंकित भारत ने बताया, 'हमें नहीं पता था कि यह सही है या नहीं क्योंकि मरीज काफी बीमार थे। क्या ऐसा हुआ कि इम्यून सिस्टम इतना ट्रिगर हो गया था कि वह कैंसर सेल्स को भी मारने लगा? क्या ऐसा हुआ?'

इम्यून सिस्टम को मदद करेगा कोरोना वायरस

कुछ केसेज देखकर डॉक्टर ने अपनी टीम के साथ इस पर और जानकारी जुटाने के लिए स्टडी की। डॉक्टर भारत और उनकी टीम को पता लगा कि SARS-CoV-2 जब बॉडी में होता है तो शरीर की मोनोसाइट सेल्स अलग तरह से व्यवहार करती हैं। सामान्य स्थिति में मोनोसाइट्स खून में घूम-घूम कर कोई खराब सेल या खतरा दिखने पर अलर्ट करती है। कुछ मोनोसाइट्स कैंसर से लड़ने वाली सेल्स को ट्यूमर तक लेकर जाती हैं। लेकिन कैंसर सेल कभी-कभी मोनोसाइट्स को चकमा देती हैं। वे मोनोसाइट्स के पीछे ही छिप जाती हैं और इम्यून सिस्टम इन्हें खोजकर नहीं खत्म कर पाता। अगर SARS-CoV-2 वायरस मौजूद होता है तो कैंसर सेल्स छिप नहीं पातीं और इम्यून सिस्टम कैंसर सेल्स को आसानी से खोज लेता है।

डॉक्टर्स भी हुए हैरान

स्टडी में पता चला कि कोविड-19 वायरस का जो RNA होता है एक यूनीक इम्यून सेल को बनाता है जो कि कैंसर से लड़ सकती है। ये सेल्स फिर ट्यूमर के अंदर मौजूद कैंसर सेल्स को मार सकती हैं। यह जानकारी डॉक्टर्स को काफी काम की लग रही है क्योंकि इससे इम्यून सेल बनाने वाला ट्रीटमेंट तैयार किया जा सकता है। डॉक्टर अंकित ने बताया कि यह मेलानोमा, लंग, ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर के इलाज में मदद कर सकता है। डॉक्टर ने कहा, 'बड़ी अच्छी और हैरानी की बात है कि जिस इन्फेक्शन ने इतनी तबाही मचा दी वह कैंसर से लड़ने में मदद कर सकता है।'

बन सकती है दवा

डॉक्टर ने बताया कि इससे ऐसी दवा बन सकती है जो अडवांस कैंसर में मदद कर सकेंगी। डॉक्टर भारत बताते हैं कि कैंसर सेल्स इन इम्यून सेल्स के लिए प्रतिरोधकता नहीं बना पाईं। यह उन मरीजों के लिए मददगार होगा जो इम्यूनोथेरपी के लिए प्रतिरोध पैदा कर लेते हैं। इन केसेज में इम्यूनोथेरपी के बाद कैंसर वापस आ जाता है क्योंकि कैंसर सेल्स खुद को म्यूटेट कर लेती हैं। कोविड वायरस से नैचुरल किलर सेल्स निकलती हैं जो कि कैंसर सेल्स को मारने में इफेक्टिव हैं।

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