झारखंड में स्कूल सिर्फ दो माह की ट्यूशन फीस ले सकेंगे, बस किराया माफ, अभिभावक जाएंगे कोर्ट
निजी स्कूलों में लॉकडाउन अवधि के दो महीने की केवल ट्यूशन फीस अभिभावकों को देनी होगी। यह फीस उन्हीं स्कूलों में देनी होगी, जहां ऑनलाइन क्लास चल रहे हैं। अप्रैल व मई में अन्य कोई फीस स्कूल में नहीं ली...
निजी स्कूलों में लॉकडाउन अवधि के दो महीने की केवल ट्यूशन फीस अभिभावकों को देनी होगी। यह फीस उन्हीं स्कूलों में देनी होगी, जहां ऑनलाइन क्लास चल रहे हैं। अप्रैल व मई में अन्य कोई फीस स्कूल में नहीं ली जाएगी। मात्र यही नहीं अप्रैल से जून तक तीन महीने का स्कूल बस का किराया भी माफ रहेगा। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता में मंगलवार को निजी स्कूल प्रबंधन और अभिभावक संघ की अलग-अलग बैठक के बाद इस पर निर्णय लिया गया।
बैठक के बाद शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बताया कि केवल वैसे निजी स्कूल अप्रैल और मई महीने की ट्यूशन फीस लेंगे जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान इन दो महीनों में ऑनलाइन क्लास शुरू की है। इन दो महीनों की अन्य कोई फीस स्कूल में नहीं ली जाएगी। स्कूलों में साल एक बार लगने वाली वार्षिक फीस, डेवलपमेंट फीस, इंफ्रास्ट्रक्चर फीस, असाइनमेंट फीस की राशि से दो महीने ( अप्रैल व मई) की राशि की कटौती की जाएगी। मतलब यह फीस 12 महीने की बजाए 10 महीने की ही देनी होगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस साल किसी भी स्कूल में फीस वृद्धि नहीं की जाएगी। ना ही फीस की राशि भुगतान के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाया जाएगा और ना ही फीस नहीं देने पर किसी छात्र-छात्रा का नाम काटा जाएगा। निजी स्कूल किसी छात्र को ना तो परीक्षा देने से रोकेंगे और ना ही किसी छात्र-छात्रा का रिजल्ट रोका जाएगा। अभिभावकों की ओर से ऐसी शिकायतें मिलने पर जिला स्तर से स्कूलों पर सीधी कार्रवाई होगी। उपायुक्तों को इसके अधिकार दिए गए हैं।
अभिभावक संघ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे : ऑल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन झारखंड के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि वे सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। शिक्षा मंत्री ने खुद के निर्णय को ही पलट दिया और स्कूलों के पक्ष में मुहर लगा दी। यह फैसला अभिभावक व जनहित में नहीं है। शिक्षा मंत्री ने खुद निजी स्कूलों को फीस लेने की खुली छूट दे दी। अब वह ट्यूशन फीस के साथ-साथ एनुअल फीस, डेवलपमेंट चार्ज समेत अन्य फीस भी ले सकते हैं। इस फैसले से अभिभावक और बच्चे ठगा महसूस कर रहे हैं।
सरकार बताए कि शिक्षकों को वेतन कहां से दें : निजी स्कूल प्रबंधन समिति की ओर से सहोदया के अध्यक्ष राम सिंह ने कहा कि निजी स्कूलों की वित्तीय हालत ठीक नहीं है। शिक्षकों व कर्मियों को वेतन देना है। सरकार बताए कि शिक्षकों और अन्य कर्मियों को वेतन कहां से दें। निजी स्कूलों में कई तरह के खर्च होते हैं, जो जरूरी है। कोई निजी स्कूल वित्तीय अनियमितता में शामिल हो तो सरकार जरूर कार्रवाई करें।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का होगा पालन : शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि निजी स्कूलों में लॉकडॉउन अवधि की फीस पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा उसे झारखंड में भी लागू किया जाएगा। ऐसे में फिलहाल निजी स्कूलों को दो महीने की ट्यूशन फीस लेने की छूट दी गई है। जो निजी स्कूल ऑनलाइन क्लास नहीं चला रहे होंगे, वह ट्यूशन फीस भी नहीं ले सकेंगे।