अब संथाली और हो में भी पढ़ सकेंगे साइंस और कॉमर्स
नेशनल ट्रांसलेशन मिशन (एनटीएम) संथाली डिक्शनरी तैयार कर रहा है, जिसमें आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स के तकनीकी शब्दों का अनुवाद किया जा रहा है। कोल्हान विश्वविद्यालय ने क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्य पुस्तकों...

नेशनल ट्रांसलेशन मिशन (एनटीएम) की ओर से संथाली डिक्शनरी तैयार की जा रही है, जिसकी ड्राफ्टिंग पूरी हो चुकी है। इस डिक्शनरी में अब आर्ट्स के साथ-साथ साइंस और कॉमर्स के तकनीकी शब्दों का भी अनुवाद किया जा रहा है, ताकि इन विषयों की किताबों के अनुवाद में कोई समस्या न हो। संथाली डिक्शनरी को प्रकाशित करने के लिए एनटीएम ने पिअर्सन एजुकेशन इंडिया के साथ इसका एमओयू किया है। इसी बीच कोल्हान विश्वविद्यालय ने क्षेत्रीय भाषाओं संथाली, हो और कुड़माली में पाठ्य पुस्तकों के अनुवाद की तैयारी शुरू कर दी है। संथाली में भाषा की पुस्तकों का पर्याप्त अनुवाद करने के बाद 2023 में चार वर्षीय स्नातक कोर्स के लिए पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया था।
कोल्हान विश्वविद्यालय के डिपार्मेंट आफ ट्राइबल एंड रीजनल लैंग्वेज संथाली विभाग की ओर से इसे तैयार किया गया था। इसमें मेजर कोर्स के अलावा माइनर कोर्स का सिलेबस था। सिलेबस कमेटी में डॉ. अर्चना सिंह समेत नेल्सन हेंब्रम, प्रो. रामू टुडू, बाबूराम सोरेन एवं लखाई बास्के को शामिल थे। अब इसी तर्ज पर विश्वविद्यालय हो भाषा की किताबों की उपलब्धता के लिए हो पुस्तकों के अनुवाद की तैयारी है। इसी के साथ कुड़माली भाषा की भी पुस्तक अनुवादित की जानी है। पिछले दिनों सिंडिकेट की बैठक में इसे लेकर आवश्यक निर्णय लिया गया। पुस्तकों के अनुवाद के लिए फंड का आंकलन कर आगे की कवायद की जाएगी। अनुवाद के लिए विशेषज्ञों की तलाश की जा रही है, ताकि पूरा पाठ्यक्रम तैयार किया जा सके। कोल्हान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता ने पुस्तकों के अनुवाद के लिए विश्वविद्यालय के मानवी की विभाग के डीन को स्थानीय भाषाओं में पुस्तकों के अनुवाद के लिए फंड की स्थिति का अवलोकन करने और इसे लेकर रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। भारतीय भाषा समिति की बैठक में शामिल हुए केयू के सिंडिकेट सदस्य भारतीय भाषाओं में विज्ञान व तकनीकी विषयों की पाठ्यपुस्तक लेखन के लिए भारतीय भाषा समिति (शिक्षा मंत्रालय) की ओर से राष्ट्रीय बैठक का आयोजन किया गया। इसमें 20 राज्यों के 35 विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक में कोल्हान विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य एवं एनआईटी जमशेदपुर के पूर्व एचओडी (मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग) प्रो.रंजीत प्रसाद ने हिस्सा लिया। बैठक में विज्ञान विषय के क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं में अनुवाद किए जाने पर चर्चा की गई। इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम भी संथाली में होगा उपलब्ध भारतीय ज्ञान प्रणाली अभियान के तहत नेशनल ट्रांसलेशन मिशन ने उच्च शिक्षा की 1,500 स्नातक पाठ्यपुस्तकों का 12 भारतीय भाषाओं में अनुवाद पूरा कर लिया है। अब जेईई, नीट और सीयूईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित हो रही हैं। इसी क्रम में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम भी आठ भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हैं। इसी तर्ज पर अब संताली में भी इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए नेशनल ट्रांसलेशन मिशन कोल्हान विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय भाषा के विशेषज्ञों के साथ किताबें अनुवाद कर रहा है।
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