एमजीएम अस्पताल की शिफ्टिंग अधूरी, बिना सर्जरी लौट रहे मरीज
एमजीएम अस्पताल साकची को डिमना में शिफ्ट करने की प्रक्रिया अभी अधूरी है। इससे गरीब मरीजों को भर्ती नहीं लिया जा रहा है और कई ऑपरेशन टाले जा रहे हैं। गायनी और ऑर्थोपेडिक्स विभाग में मरीजों को छुट्टी दी...

एमजीएम अस्पताल साकची को डिमना में शिफ्ट करने की प्रक्रिया अधूरी है। इससे दूर-दराज से इलाज के लिए आने वाले गरीब मरीजों को भर्ती लेने के बजाय लौटा दिया जा रहा है। वहीं, भर्ती मरीजों को भी छुट्टी दे दी जा रही है और ऑपरेशनों को टाला जा रहा है। गायनी विभाग के ऑपरेशन थिएटर की दीवार में दरार आने के बाद उसे बंद कर दिया गया। सर्जरी विभाग में अस्थायी रूप से संचालन शुरू किया गया और मरीजों को पीजी भवन में शिफ्ट किया गया। अब केवल उन्हीं डिलीवरी मामलों का ऑपरेशन हो रहा है, जिन्हें कहीं और भेजा जाना संभव नहीं है।
जो मरीज अन्यत्र जाने योग्य होते हैं, उन्हें सदर या अन्य अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है। पहले जहां 24 घंटे में 8-10 या इससे अधिक ऑपरेशन होते थे, वहीं अब यह संख्या घटकर 4-5 रह गई है। नॉर्मल डिलीवरी की संख्या में भी गिरावट आई है। यह स्थिति सिर्फ गायनी विभाग तक सीमित नहीं है। ऑर्थोपेडिक्स विभाग को भी अचानक शिफ्ट करने का निर्देश दे दिया गया, जिससे विभाग में भर्ती करीब 15 मरीजों को छुट्टी दे दी गई। ये वे मरीज थे जिन्हें ऑपरेशन के बाद निगरानी में रखा गया था या, जिन्हें आगे इलाज की जरूरत थी। वहीं, करीब 10 ऐसे मरीजों को बाद में बुलाने की बात कही गई है, जिनके ऑपरेशन जरूरी तो हैं, लेकिन तत्काल नहीं। विभागाध्यक्ष डॉ. वाई. सांगा ने बताया कि दो ऑपरेशन टेबल पैक कर दिए गए हैं और दो चालू रखे गए हैं, ताकि इमरजेंसी मामलों का इलाज किया जा सके। मरीजों को शिफ्टिंग के बाद बुलाने के लिए उनके मोबाइल नंबर दर्ज कर लिए गए हैं। योजनाबद्ध तरीके से नहीं हो रही शिफ्टिंग जिला प्रशासन कई दिनों से अस्पताल प्रशासन को विभागों को डिमना में शिफ्ट करने के निर्देश दे रहा है। मंत्री ने 3 मई को ही कहा था कि 10 से 15 दिनों में अस्पताल शिफ्ट हो जाएगा, लेकिन अबतक एक भी विभाग पूरी तरह शिफ्ट नहीं हुआ है। अपर मुख्य सचिव की ओर से भी लगातार निर्देश दिए गए, फिर भी अस्पताल प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। इस लापरवाही के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्या कहते हैँ मरीजों व उनके परिजन पति अस्पताल में भर्ती हैं। कहा गया है कि जल्द छोड़ दिया जाएगा ताकि विभाग डिमना में शिफ्ट हो सके। एक सप्ताह बाद फिर आना है। सोमारी लोहार बेटे का इलाज चल रहा है। सोमवार को छुट्टी देने को कहा गया है ताकि शिफ्टिंग के दौरान परेशानी न हो। शिफ्ट होने के बाद डिमना में ही दिखाना होगा। मंगली लोहार डॉक्टरों ने कहा है कि जल्द छोड़ा जाएगा लेकिन कब, यह नहीं बताया गया। अगर बीच में भेज दिया गया तो परेशानी होगी। कुंदन कुमार अभी पैर में पट्टी है, लेकिन बिना पूरी तरह ठीक हुए घर भेजा जा रहा है, यह सही नहीं है। ऐसे में हम लोग कहां जाएंगे? सुकुनन सरदार अस्पताल के अधीक्षक ने कहा- अस्पताल को शिफ्ट किया जा रहा है। ऐसे में तो थोड़ी परेशानी होगी ही। वहां शिफ्ट होते ही मरीजों को भी बुलाया जाएगा और ऑपरेशन शुरू कर दिए जाएंगे। डॉ. आरके मंधान, अधीक्षक, एमजीएम अस्पताल
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