इटखोरी के रक्षक देवता गंवात के पास कूड़ा का अम्बार, आस्था पर चोट
इटखोरी के पुराने पंचायत भवन के पास पूजा स्थल पर महिलाओं की भीड़ रहती थी, लेकिन वट वृक्ष की आग से पूजा बंद हो गई। अब आसपास कूड़ा-कचरा फैला है, जिससे धार्मिक स्थल की गरिमा प्रभावित हो रही है। स्थानीय...

इटखोरी, निज प्रतिनिधि। इटखोरी स्थित पुराना पंचायत भवन के पास कभी पूजा करने महिलाओं की भीड़ लगी रहती थी। साथ ही साथ इसी जगह पर वट सावित्री पूजा और गंवात का पूजा एक ही साथ हुआ करता था। वट सावित्री पूजा के लिए यहां एक विशाल बरगद का पेड़ हुआ करता था। जिसमें महिलाये यहां अपने पति की लम्बी उम्र के लिए वट सावित्री की पूजा करती थी। लेकिन किसी कारणवश कुछ वर्ष पहले वट वृक्ष में आग लग गयी। जिससे वृक्ष जल कर राख हो गया था। अब पूजा नही होती है। इसी स्थान पर गांव के रक्षक देवता गंवात के रूप में भी पूजा अर्चना होती है और आज तक होती चली आ रही है।
कुछ वर्षो से इटखोरी के दुकानदार और सब्जी विक्रेता का कूड़ा-कचरा यहीं फेंका जा रहा है और साथ ही साथ लोग आसपास में शौच भी करने लगे है जो धार्मिक और स्वच्छता के दृष्टिकोण से सही नही है। यह कार्य आस्था पर चोट है। आमजनों ने जनप्रतिनिधि और इटखोरी प्रखण्ड वासी से आग्रह किया है कि इस ओर ध्यान दें। ताकि यहां सफाई के साथ साथ मंदिर की गरिमा बनी रहे। इसको लेकर आप सब आगे आये और गंवात के स्थान को सुंदरीकरण कराया जाए। जिससे मंदिर के आसपास का क्षेत्र साफ-सुथरा हो सके और लोगो यहां स्वच्छ वातावरण में पूजा कर सके।
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