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बांग्लादेशी घुसपैठ के मसले पर नरम नहीं पड़ेंगे BJP के तेवर; क्या संकेत?

झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा भले ही हार गई हो लेकिन एक मजबूत विपक्ष के रूप में उसने अपनी रणनीति के संकेत दे दिए हैं। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट…

Krishna Bihari Singh भाषा, रांचीSun, 24 Nov 2024 10:40 PM
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झारखंड में एकबार फिर झामुमो की अगुवाई वाले गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। हेमंत सोरेन ने रविवार को झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। हेमंत सोरेन 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस बीच भाजपा ने संकेत दिए हैं कि भले ही वह राज्य में विधानसभा चुनाव हार गई है लेकिन बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर उसके तेवर नरम नहीं पड़ने वाले हैं।

चंपाई सोरेन ने रविवार को एक्स पर लिखा कि झारखंड में कथित तौर पर बढ़ती बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ भाजपा का आंदोलन कोई राजनीतिक या चुनावी मुद्दा नहीं वरन सामाजिक अभियान है। पाकुड़ और साहिबगंज समेत झारखंड के कई जिलों में आदिवासी अल्पसंख्यक हो गए हैं। इस माटी पर घुसपैठियों को संरक्षण नहीं मिलना चाहिए। यदि हम राज्य के मूल निवासियों की जमीनों और बहू-बेटियों की अस्मत की रक्षा ना कर सके, तो क्या होगा…?

चंपाई सोरेन ने यह भी लिखा- चुनावी गहमागहमी के बाद, वीर सिदो-कान्हू, चांद-भैरव एवं वीरांगना फूलो-झानो को नमन करके बहुत जल्द हम लोग संथाल परगना की भूमि पर अपने अभियान का अगला चरण शुरू करेंगे। सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगी-बिगड़ेंगी लेकिन हमारा समाज रहना चाहिए, हमारी आदिवासी पहचान बची रहनी चाहिए, अन्यथा कुछ नहीं बचेगा।

वहीं विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद हिमंता बिस्वा सरमा ने एक वीडियो संदेश में कहा है कि किसी काम में यदि हम असफल होते हैं तो वही आने वाले दिन के लिए सफलता की बुनियाद बन जाती है। घुसपैठ की जो समस्या है, वह आने वाले दिन में झारखंड को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है। घुसपैठियों को प्रदेश से निकालना या कम से कम उनकी पहचान करना संविधान प्रदत्त जिम्मेदारी है। उम्मीद है कि झारखंड सरकार यह जिम्मेदारी निभाएगी।

हिमंता बिस्वा सरमा ने यह भी कहा कि भाजपा विधानसभा में विपक्ष की भूमिका में रहते हुए घुसपैठ के मुद्दों को हमेशा उठाएगी। इसके लिए उन्होंने पार्टी विधायकों से भी निवेदन किया है। गौरतलब है कि चुनावों में भाजपा ने बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को जोरशोर से उठाया था। हालांकि जनता ने मुद्दे तवज्जो नहीं दी नतीजतन भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।

(पीटीआई का इनपुट भी शामिल)

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