अनिल विज की नाराजगी पर अब पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर बोले, वे सज्जन आदमी, कह कर भूल जाते हैं
- अनिल विज की नाराजगी के बीच मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि वे नाराज नहीं होते हैं। उनका स्वभाव में कभी-कभी वह ऐसा दिखा देते हैं, जो मन में होता है, वह कह देते हैं।
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हरियाणा के ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज के नाराज होने और मुख्यमंत्री और अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने पर अब पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की प्रतिक्रिया सामने आई है। अनिल विज की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि वे नाराज नहीं होते हैं। उनका स्वभाव में कभी-कभी वह ऐसा दिखा देते हैं, जो मन में होता है, वह कह देते हैं। कोई व्यक्ति ऐसा होता है, जोकि मन की बात को मन में ही रख लेता है। वो हमारे ऐसे सज्जन हैं, जोकि बात कह देते हैं, उसे कहकर भूल जाते हैं। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर बुधवार को पानीपत में दिशा योजना से संबंधित बैठक की समीक्षा करने आए थे। मीटिंग के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की करते हुए अनिल विज की नाराजगी पर पूछे सवाल पर यह बात कही।
खट्टर और विज में भी चली रहती थी तनातनी
हरियाणा के सीएम रहते हुए भी मनोहर लाल खट्टर और उन्ही की सरकार में तब के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बीच तनातनी चलती रहती थी। अनिल विज और खट्टर के बीच खटपट की खबरें अकसर आती रहती थी। हरियाणा में बीजेपी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान दोनों नेताओं के बीच कोई मतभेद नहीं था लेकिन दूसरे कार्यकाल के शुरू होते ही दरारें उभरने लगीं। साल 2021 में भी अनिल विज के विभाग से शहरी स्थानीय निकायों के विभाग से हटा दिया गया था। विज ने सीएम खट्टर पर खुद ये आरोप लगाए थे। विज ने ये भी कहा था कि मुख्यमंत्री ने उनसे गृह विभाग मांगा था, तब उन्होंने सभी विभागों से इस्तीफा देने की बात कही थी। विज ने सीएम खट्टर पर उनसे गृह विभाग हटाने का अभियान जारी रखने का भी आरोप लगाया था।
विज और खट्टर के बीच ख़ुफ़िया विभाग के नियंत्रण को लेकर भी भिड़ंत हो गई थी लेकिन आख़िरकार यह विभाग खट्टर के नियंत्रण में ही रहा था। फिर दोनों के बीच डीजीपी मनोज यादव की एक्सटेंशन को लेकर भी विवाद हो गया था। केंद्र ने यादव को एक साल का एक्सटेंशन दिया था। मंत्री अनिल विज ने कहा था कि केंद्र की बजाए राज्य सरकार उन्हें डीजीपी के रूप में एक्सटेंशन दे सकती है। हरियाणा में डीजीपी को लेकर सीएम खट्टर और विज आमने-सामने हो गए थे।
नायब सैनी के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए थे विज
बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को हरियाणा का नया मुख्यमंत्री बनाया था। अनिल विज नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने से नाराज थे। वे नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए। वह वरिष्ठता के हिसाब से मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे मानते थे।सामाजिक समीकरण और अपनी वरिष्ठता के आधार पर सीएम बनने की उम्मीद लगा रहे थे, लेकिन पार्टी ने ओबीसी समुदाय से आने वाले नायब सिंह सैनी के नाम पर मुहर लगा दी तो अनिल विज विधायक दल की बैठक छोड़कर निकल गए थे। हालांकि अब एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनने के बाद विज को ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री बनाया गया है।
परिवहन मंत्री बनने के बाद विज ने पलटा खट्टर का फैसला
मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री रहते हुए परिवहन विभाग में गैर एचसीएस आरटीए के पदों पर लगाए थे। इस फैसले को अनिल विज के परिवहन मंत्री बनने के बाद लंबे समय से विभाग में रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी व अन्य पदों पर तैनात पुलिस अफसरों व कर्मियों को हटाने की कवायद शुरू हो गई है। पहली प्रक्रिया में मोटर व्हीकल अफसर के तौर पर तैनात पुलिस इंस्पेक्टरों को वापस कर दिया गया है। विभाग के नए प्रस्ताव में पहले की तरह विभागीय कर्मियों की ही तैनाती की जाएगी। जबकि आरटीए के पदों पर एचसीएस अफसरों को तैनात करने की सिफारिश की गई है।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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