गुजरात में नमो श्री योजना के तहत 6 लाख महिलाओं ने कराया रजिस्ट्रेशन, क्या हैं इसके फायदे
गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल द्वारा शुरू की गई नमो श्री योजना (NAMO Shri Scheme) का महिलाएं भरपूर लाभ उठा रही हैं। महिला सशक्तिकरण और मातृ स्वास्थ्य में सुधार के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना के तहत 6 लाख से अधिक महिलाओं ने इसमें रजिस्ट्रेशन कराया है।

इंटरनेशनल मदर्स डे के अवसर पर गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल द्वारा शुरू की गई नमो श्री योजना (NAMO Shri Scheme) का महिलाएं भरपूर लाभ उठा रही हैं। एक बयान के अनुसार, महिला सशक्तिकरण और मातृ स्वास्थ्य में सुधार के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना के तहत 6 लाख से अधिक महिलाओं ने इसमें रजिस्ट्रेशन कराया है। इस योजना के तहत लगभग 4 लाख महिलाओं को 222 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली है।
नमो श्री योजना विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और माताओं को उनके स्वास्थ्य और पोषण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। करीब 4 लाख माताओं को प्रदान की गई सहायता न केवल उन्हें समय पर स्वास्थ्य जांच कराने में मदद कर रही है, बल्कि उनके लिए संतुलित पोषण तक पहुंच भी सुनिश्चित कर रही है।
गुजरात सरकार द्वारा शुरू की गई नमो श्री योजना के तहत पात्र महिलाओं को उनके पहले दो जीवित बच्चों के लिए 12,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता मिलती है। यह वित्तीय सहायता अलग-अलग चरणों में दी जाती है। यह सहायता केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) और जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के तहत प्राप्त लाभों के साथ मिलकर प्रदान की जाती है।
चार चरणों में मिलती है सहायता
पहली गर्भावस्था के लिए महिला को चार चरणों में कुल 12,000 रुपये मिलते हैं: रजिस्ट्रेशन के समय 5,000 रुपये (राज्य सरकार से 2,000 रुपये और केंद्र सरकार से 3,000 रुपये), गर्भावस्था के छह महीने बाद 2,000 रुपये (राज्य सरकार से), अस्पताल में प्रसव के तुरंत बाद 3,000 रुपये (राज्य सरकार से), और 14 सप्ताह के टीकाकरण के बाद 2,000 रुपये (केंद्र सरकार से) दिए जाते हैं।
वहींं, दूसरी गर्भावस्था के लिए सहायता प्रक्रिया थोड़ी अलग है। रजिस्ट्रेशन के समय महिला को 2,000 रुपये, गर्भावस्था के छह महीने बाद 3,000 रुपये, अस्पताल में प्रसव के बाद 6,000 रुपये (अगर नवजात लड़की है तो केंद्र सरकार और अगर नवजात लड़का है तो राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि के साथ) और 14 सप्ताह के टीकाकरण के बाद राज्य सरकार से 1,000 रुपये मिलते हैं। यह पूरी राशि सीधे लाभार्थी महिला के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
ये योजनाएं भी चल रहीं
नमो श्री योजना के अलावा, राज्य सरकार की अन्य विभिन्न पहल जैसे सुमन, पीएमएसएमए, ममता और खिलखिलाहट महिलाओं को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं, नियमित जांच, टीकाकरण और परामर्श प्रदान कर रही हैं।
केंद्र और राज्य सरकारों के बीच इन संयुक्त प्रयासों ने राज्य में मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) को काफी कम करने में अहम भूमिका निभाई है। 2011-13 में गुजरात का एमएमआर 112 था जो 2020 तक यह घटकर 57 रह गया, जो 50 प्रतिशत की प्रभावशाली कमी को दर्शाता है।
यह बदलाव राज्य सरकार की इन कार्यक्रमों के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता और प्रभावी कार्यान्वयन का प्रत्यक्ष प्रमाण है। इसके अलावा गुजरात में हर साल 14 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को समय पर स्वास्थ्य जांच और पोषण सेवाएं मिलती हैं। राज्य ने 99.97 प्रतिशत संस्थागत प्रसव दर हासिल की है, जो राष्ट्रीय स्तर पर एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
इंटरनेशनल मदर्स डे 2025 की थीम क्या थीम
दुनियाभर में मां के योगदान का सम्मान करने और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस मनाया जाता है। इस साल यह 11 मई को है। इंटरनेशनल मदर्स डे 2025 की थीम "मां: परिवार की रीढ़" जो इस बात पर प्रकाश डालती है कि माताएं परिवार का आधार होती हैं और उनके बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती।
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