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अनजाने में कप्तान रोहित शर्मा से हो गई बड़ी भूल, BCCI के इस नियम को लेकर खिलाड़ी हो गए हैं बैचेन

  • रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने से ठीक पहले अजीत अगरकर से कहा कि वह 10 सूत्री अनुशासनात्मक दिशा-निर्देशों में कुछ नियमों पर बोर्ड सचिव देवाजीत सैकिया से चर्चा करने वाले हैं।

Himanshu Singh लाइव हिन्दुस्तानSat, 18 Jan 2025 10:11 PM
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भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने शनिवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड की ताजा नीति के प्रति अपनी और अपने साथियों की आपत्ति व्यक्त की, जिसमें दौरे के दौरान खिलाड़ियों को अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए सीमित समय दिया गया है लेकिन मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने कहा कि यह कोई 'सजा' नहीं है। बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर दिशा-निर्देशों की घोषणा नहीं की है, लेकिन मीडिया की खबरों में ये 10 सूत्री निर्देश सामने आ चुके हैं। रोहित ने प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने से ठीक पहले अजीत अगरकर से कहा कि कई खिलाड़ी उन्हें फैमिली वाले नियम को लेकर फोन कर रहे हैं, उसी सिलसिले में सचिव के साथ मीटिंग करनी है। हालांकि रोहित को पता नहीं था कि उनका माइक ऑन रह गया है और उनकी बातें सबको सुनाई दे रही हैं।

मुख्य कोच गौतम गंभीर की सलाह पर तैयार किए गए 10 सूत्री अनुशासनात्मक दिशा-निर्देशों में कुछ नियमों पर रोहित बोर्ड सचिव देवाजीत सैकिया से चर्चा करने वाले हैं। नीति दस्तावेज में मुख्य मुद्दा पुराने दिनों की ओर लौटना है जब परिवारों को लंबे दौरों पर केवल 14 दिन के लिए अनुमति दी जाती थी। किसी भी बदलाव के लिए कोच गंभीर की मंजूरी की आवश्यकता होगी। यह समझा जाता है कि यह नियम टीम के खिलाड़ियों को अच्छा नहीं लगा है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने से पहले जब रोहित चयनकर्ताओं के अध्यक्ष अजीत अगरकर के पास बैठे थे तो उन्हें मुंबई के अपने पूर्व साथी से यह कहते हुए सुना गया, ‘‘अब मेरे को बैठना पड़ेगा सचिव के साथ। फैमिली-वैमिली का डिस्कस करने के लिए, सब मेरे को बोल रहे हैं यार। हर कोई (खिलाड़ी) मुझसे पूछ रहा है।’’

रोहित की टिप्पणी मीडिया के लिए नहीं थी लेकिन यह ‘माइक्रोफोन’ में रिकॉर्ड हो गई जिसका मतलब समझना मुश्किल नहीं था। जब रोहित ने दिशा-निर्देशों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘आपको इन नियमों के बारे में किसने बताया? क्या यह बीसीसीआई के आधिकारिक हैंडल से आया है? इसे आधिकारिक तौर पर आने दें। ’’

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हालांकि जब अगरकर ने बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि एक एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) खाका तैयार किया गया है। अगरकर से पूछा गया कि आखिर क्या गलत हुआ कि टी20 विश्व कप जीतने के छह महीने के अंदर बीसीसीआई को उन्हीं खिलाड़ियों के लिए एक यात्रा संबंधित नीति दस्तावेज की आवश्यकता पड़ गई?

ऑस्ट्रेलिया की हार पर चर्चा करने वाली समीक्षा समिति की बैठक का हिस्सा रहे अगरकर ने कहा, ‘‘अगर हम इस पर बात करते रहेंगे तो शायद यह चर्चा जारी रहेगी।’’ उन्होंने तर्क देने की कोशिश करते हुए कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हर टीम के कुछ नियम होते हैं। हमने पिछले कुछ महीनों में कई चीजों के बारे में बात की है जिसमें आप एक टीम के रूप में सुधार कर सकते हैं। यह कोई स्कूल नहीं है। यह कोई सजा नहीं है।

अगरकर ने कहा, ‘‘बस इतना है कि आपके पास कुछ नियम होते हैं और जब आप राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हैं तो आप उन नियमों का पालन करते हैं। ये परिपक्व खिलाड़ी हैं। वे अंतरराष्ट्रीय खेल में अपने आप में सुपरस्टार हैं।’’ कई पूर्व खिलाड़ियों ने कहा कि ये नियम हमेशा से ही रहे हैं और अगरकर ने उन्हें ‘प्रोटोकॉल’ कहा है जिसका राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करते समय पालन करना होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आखिरकार आप अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनका आप स्वाभाविक रूप से पालन करते हैं जैसा कि हर टीम करती है। मुझे लगता है कि उनमें से बहुत से नियम लागू हैं।’’

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अगरकर ने कहा, ‘‘हो सकता है कि हम इस बारे में अभी बात कर रहे हों और यह सामने आया है, लेकिन इनमें से बहुत से पहले ही लागू हो चुके हैं। अंत में टीम के अनुकूल क्या है, उसी के अनुसार आप इन्हें सुधारते रहते हैं। आप कोशिश करना चाहते हैं और तय करते हैं।’’

रोहित और मुख्य कोच गंभीर के बीच काम करने के तरीकों की अटकलों पर कप्तान ने कहा कि एक बार जब वह खेल के मैदान में उतरते हैं तो वह बहुत स्पष्ट होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों (वह और गंभीर) इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट हैं कि हम क्या करना चाहते हैं। मैं यहां बैठकर यह चर्चा नहीं करने जा रहा हूं कि हर मैच के पीछे क्या रणनीति होती है लेकिन यह मेरे दिमाग में बहुत स्पष्ट है।’’ रोहित ने कहा, ‘‘गौतम गंभीर एक ऐसे व्यक्ति हैं जो मैदान पर उतरने के बाद कप्तान के मैदान पर किए जा रहे काम पर भरोसा करते हैं। ’’

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