BPSC TRE-PRT: बीएड डिग्रीधारकों को शीर्ष कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं
बिहार समेत कई राज्या में चल रही शिक्षक भर्ती में कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के लिए आवेदन करने वाले बीएड डिग्रीधारकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। अदालत ने इन अभ्यर्थियों को मौका देने की मांग वाली या
BPSC TRE-PRT: सरकारी स्कूलों में पहली से 5वीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति के मसले पर बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली। शीर्ष कोर्ट ने सरकार की उस मांग को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिसमें राज्य में चल रहे शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बीएड डिग्रीधारकों को भी प्राथमिक शिक्षक नियुक्त करने की अनुमति देने की मांग की थी। इस सरकार ने अपनी याचिका वापस ले ली।
न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना व न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ के समक्ष बिहार सरकार की याचिका पर सुनवाई होनी थी। पीठ ने मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष भेज दिया ताकि इसे न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सके। न्यायमूर्ति बोस ने 11 अगस्त को फैसले में कहा था कि बीएड डिग्री वालों को प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नियुक्त नहीं किया जा सकता। एनसीटीई की उस अधिसूचना को रद्द कर दिया था, जिसमें राज्यों में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में बीएड वालों को शामिल करने को कहा गया था।
आपको बता दें कि सितंबर के आखिरी सप्ताह में बिहार सरकार ने प्राथमिक शिक्षक (कक्षा 5 तक) भर्ती में बीएड पास अभ्यर्थियों को मौका देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के रुख से बीएड डिग्री धारकों की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है।
बीपीएससी के जरिए प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक के 1.70 लाख पदों भर्ती चल रही है। इनमें प्राथमिक शिक्षक पद के लिए करीब साढ़े तीन लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। बीएड पास अभ्यर्थियों में बहुत ऐसे जिन्होंने भर्ती से बाहर किए जाने के डर से दस्तावेज सत्यापन में भी भाग नहीं लिया। लेकिन बिहार सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने से उन्हें उम्मीद जगी थी।
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