JEE main: सोशल मीडिया से दूरी, 6 घंटे पढ़ाई, गुजरात के इस टॉपर ने कैसे पाए सक्सेस, जानें क्या रहता था उनका प्लान
JEE main result 2025 April : गुजरात के वड़ोदरा के आदित प्रकाश ने एनटीए जेईई मेन अप्रैल सेशन -2 एग्जाम में उन 24 स्टूडेंट्स में शामिल हैं, जिन्होंने 100 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं। आपको बता दे 18 अप्रैल को जेईई मेन पेपर-1 बीई, बीटेक के एग्जाम के नतीजे जारी किए गए हैं।

गुजरात के वड़ोदरा के आदित प्रकाश ने एनटीए जेईई मेन अप्रैल सेशन -2 एग्जाम में उन 24 स्टूडेंट्स में शामिल हैं, जिन्होंने 100 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं। आपको बता दे 18 अप्रैल को जेईई मेन पेपर-1 बीई, बीटेक के एग्जाम के नतीजे जारी किए गए हैं। आदित की ऑल इंडिया में 14वीं रैंक आईहै। यहां हम आपको अदित की उन खासियतों के बारे में बताएंगे, जो अदित को सेशन -2 में शामिल 10 लाख से अधिक उम्मीदवारों से अलग बनाती है।
आदित कितने घंटे करते थे पढ़ाई
आदित पढ़ाई में गहाराई से विषयों को विश्लेषण और मेहतन से एनसीआरटी की किताबों से पढ़ाई और नोट बनाने पर फोकस करते थे। रोज छह घंटे पढ़ते थे और छुट्टी वाले दिन 10 घंटे की पढ़ाई करते थे। आदित के पैरेंटस बताते हैं कि यह आदित का दूसरा अटैंप्ट था। पहले अटैंप्ट में आदित के 99.99876 था जो बाद में 100 पर्सेंटाइल हो गया। डॉ. भागडे ने कहा बताते हैं कि वह दोस्तों के साथ ग्रुप में खूब एंजॉय करता था, जिन्होंने कई मॉक टेस्ट आयोजित किए, जिससे कॉम्पिटीशन तो मिला ही साथ ही स्ट्रेस फ्री माहौल भी मिला।
अब क्या है टारगेट
आदित के पैरेंट्स बहुत बिजी रहते हैं, लेकिन इसके बाद भी वो 10-15 मिनट अपने बच्चों के साथ समय बिताते हैं। आदित को सोशल मीडिया से दूर रहे और व्हाट्सअप को स्टडी के लिए इस्तेमाल किया। उन्होंने पढ़ाई के साथ क्रिकेट , टेबल टेनिस खेला और सप्ताह में 5 दिन कैसियो सिंथेसाइजर बजाया। अब आदित की निगाह 18 मई को होने वाले जेईई एडवांस्ड की परीक्षा पर है। जिसमें वो टॉपर बनना चाहते हैं। आदित ने कहा कि मैं रोमांचित हूं और जेईई एडवांस्ड में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद करता हूँ। मेरे सबसे बड़े रोल मॉडल मेरे माता-पिता हैं।
आदित की पढ़ाई वडोदरा के सामा में नवरचना स्कूल से हुई और बचपन से ही उनकी गणित में गहरी दिलचस्पी थी, जिससे उसकी इंजीनियरिंग में आने की इच्छाओं को बल मिला। उनकी मां डॉ. दिलिता भागड़े, एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, बताती हैं कि उन्होंने शुरू से ही अपने बच्चे के लिए उसकी पढ़ाई के लिए सहायक माहौल बनाने में मदद की।