Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़top 500 companies expected to get quota for interns based on CSR spending

टॉप-500 कंपनियों को सीएसआर खर्च के आधार पर इंटर्न के लिए ‘कोटा’ मिलने की उम्मीद

  • मोदी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक है कि हाशिये पर रहने वाले लोग इस इंटर्नशिप योजना का अधिकतम लाभ उठा सकें।

Drigraj Madheshia नई दिल्ली। लाइव हिन्दुस्तान Fri, 26 July 2024 09:38 AM
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एनडीए सरकार टॉप-500 कंपनियों से बात करने और बजट 2024-25 में घोषित रोजगार पैकेज के तहत इंटर्न लेने के लिए “वॉलंट्री कोटा सिस्टम” पर पारस्परिक रूप से सहमत होने की योजना बना रही है। “कोटा सिस्टम” इन कंपनियों के सीएसआर खर्च पर आधारित होगी। वहीं, सरकार ने गुरुवार को संशोधित कौशल ऋण योजना की शुरुआत की। इसके तहत सरकार प्रवर्तित कोष से 7.5 लाख रुपये तक के कर्ज की सुविधा दी जाएगी। कर्ज के लिए किसी प्रकार की गारंटी की जरूरत नहीं होगी।

वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “डिटेल्स पर अभी काम किया जाना बाकी है और उद्योग के राय से किया जाएगा। हमारे पास शायद किसी तरह की स्वैच्छिक कोटा प्रणाली हो, जिस पर आपसी सहमति हो। इसमें कहा जाए कि आप अपने सीएसआर व्यय के आधार पर इतना या इतना लेंगे। हम उन्हें कौशल विकास के लिए अपनी बैकवर्ड और फॉरवर्ड सप्लाई चेन का उपयोग करने की भी मंजूरी देंगे।”

सरकार चाहती है इंटर्नशिप योजना का अधिकतम लाभ उठा सकें लोग

मोदी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक है कि हाशिये पर रहने वाले लोग इस इंटर्नशिप योजना का अधिकतम लाभ उठा सकें। सोमनाथन ने कहा, "हम उन्हें (कंपनियों को) उस तरह के लोग नहीं देंगे, जैसे वे आम तौर पर भर्ती करते हैं। क्योंकि, हम उन्हें ऐसे लोगों के लिए सब्सिडी नहीं देना चाहते हैं, जिन्हें वे वैसे भी काम पर रखते। हमारे पास एक निगेटिव सूची भी होगी, जिसमें आईआईटी, आईआईएम, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कॉस्ट अकाउंटेंट, आयकर देने वाला या जिनके माता-पिता सरकारी कर्मचारी हैं, इसमें शामिल होंगे।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का था विचार

उन्होंने कहा कि चूंकि ये टॉप-500 कंपनियां हैं, इसलिए उन्हें अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखनी है और इसलिए (इंटर्नशिप की) गुणवत्ता अच्छी होगी। योजना तैयार करने में शामिल सूत्रों के अनुसार, पैकेज के तहत योजनाओं के कौशल वाले हिस्से में निजी क्षेत्र को शामिल करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विचार था। नाम न बताने की शर्त पर एक सूत्र ने बताया कि अपने अनुभव के आधार पर उनका मानना था कि इन योजनाओं में कौशल प्रदान करने का काम निजी क्षेत्र को करना होगा और सरकार इसे अकेले नहीं कर सकती।

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5,000 रुपये प्रति माह का इंटर्नशिप भत्ता

बता दें मंगलवार को पेश किए गए 2024-25 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “इस पैकेज के हिस्से के रूप में, अगले पांच वर्षों में भारत की शीर्ष 500 कंपनियों द्वारा 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप प्रदान की जानी है। उन्हें 12 महीने के लिए रियल लाइफ के कारोबारी माहौल, कई तरह के प्रोफेशन और रोजगार के अवसरों का अनुभव प्राप्त होगा। 6,000 रुपये की एकमुश्त सहायता के साथ 5,000 रुपये प्रति माह का इंटर्नशिप भत्ता भी दिया जाएगा। कंपनियों से अपेक्षा की जाएगी कि वे प्रशिक्षण लागत और इंटर्नशिप लागत का 10 प्रतिशत अपने सीएसआर फंड से वहन करें।”

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