मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को दी मुख्य नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी
Lucknow News - बिहार चुनाव में होगी अहम भूमिका युवाओ को लुभाने में बसपा के ट्रंप कार्ड

-युवाओ को लुभाने में बसपा के ट्रंप कार्ड लखनऊ, विशेष संवाददाता बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए मुख्य नेशनल कोऑर्डिनेटर बना दिया है। धमाकेदार वापसी के साथ नंबर दो की स्थिति में आए आकाश आंनद अब इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार की बागडोर संभालेंगे। इसी के साथ मायावती ने बिहार चुनाव बिना किसी गठबंधन के अकेले लड़ने का फैसला किया है। दिल्ली में रविवार को हुई बसपा की महत्वपूर्ण बैठक में आकाश आनंद को सर्वसम्मति से यह जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय हुआ। मायावती ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि उम्मीद है कि इस बार, यह पार्टी व मूवमेन्ट के हित में, हर प्रकार की सावधानी बरतते हुए, पार्टी को मजबूत बनाने में अपना सराहनीय योगदान देगा।
बसपा प्रमुख ने देश भर में पार्टी के कार्यक्रमों की व्यवस्था के लिए बहुजन वालन्टियर फोर्स (बीवीएफ) को पहले की तरह संगठित करने पर जोर दिया। आकाश आनंद अब पार्टी में नंबर दो की स्थिति में आ गए हैं। बसपा के तीन राष्ट्रीय समन्वयकों, राज्यसभा सांसद रामजी गौतम, रणधीर बेनीवाल और राजाराम को निर्देश दिया गया कि वे अब आकाश आनंद को रिपोर्ट करेंगे। इनमें रामजी गौतम बिहार के प्रभारी भी हैं। बसपा से निकाले गए और फिर हुई वापसी मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पहले निष्कासित कर दिया था। करीब एक महीने बाद मायावती ने अपना रुख बदलते हुए आकाश आनंद को पार्टी में वापस ले लिया लेकिन अशोक सिद्धार्थ के लिए पार्टी के दरवाजे बंद ही रहे। पिछले महीने 13 अप्रैल को आकाश आनंद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिख कर अपनी गलतियों को मानते हुए बसपा प्रमुख से माफी मांगी और उनके नेतृत्व में पूरी तरह आस्था जताई। उन्होंने यह कहा कि वह अपने किसी रिश्तेदार (सिद्धार्थ आनंद व अन्य )या सलाहकार से राजनीतिक सलाह नहीं लेंगे। अपने से बड़ों व पुराने लोगों की इज्जत करुंगा। मायावती एकमात्र उनकी राजनीतिक गुरु व रोल मॉडल हैं। इसलिए वह अपील करते हैं कि उनकी गलतियों को माफ कर दिया जाए। इसके बाद मायावती ने कुछ ही घंटों बाद अपने पहले के निर्णय पर पुनर्विचार किया और कहा कि आकाश की सार्वजनिक माफी, वरिष्ठों को पूरा सम्मान देने के वादे, साथ ही अपने ससुर की बातों में न आने और अपना जीवन बीएसपी और मूवमेंट के लिए समर्पित करने का हवाला दिया है इसलिए उन्हें वापस पार्टी में शामिल किया जाता है। खास बात यह कि मायावती ने उस वक्त साफ किया था कि आगे किसी को अपना उत्तराधिकारी बनाने का सवाल ही नहीं उठता लेकिन अब जिस तरह आकाश आनंद को खास तवज्जो दी गई है उससे साफ है कि भविष्य में वह ही राजनीतिक उत्तराधिकारी साबित होंगे। मायावती ने दिए खास निर्देश मायावती ने पार्टी के पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि खासकर महापुरुषों के अनादर/अपमान तथा दलित उत्पीड़न आदि के मामलों में पार्टी के प्रतिनिधिमण्डल के रूप में पीड़ित परिवारों से मिलकर उन्हें सांत्वना दिलाने एवं सरकार से दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करके पीड़ितों को न्याय दिलाने का प्रयास कानूनी व शान्तिपूर्ण तरीके से जारी रखें। बिहार में अकेले लड़ेगी मायावती बसपा ने तय किया कि बिहार विधानसभा के लिए इस वर्ष के अन्त में होने वाले आमचुनाव पार्टी अकेले अपने बलबूते पर अपनी पूरी तैयारी के साथ चुनाव लडेगी। मायावती ने कहा कि बीएसपी ही लोगों की उम्मीदों की एकमात्र किरण है।
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