एयर इंडिया की अब 2 सब्सिडयरी को बेचने की तैयारी, सरकार का ये है प्लान
- पिछले साल दीपम ने AIESL के लिए निवेशकों को जोड़ने को मुंबई में रोड शो आयोजित किए और बाद में विनिवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिए मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह से मंजूरी प्राप्त की।

एयर इंडिया की तीन सब्सिडयरी कंपनियों में से 2 की बिक्री होने वाली है। इसके लिए निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) इस महीने रुचि पत्र (EOI) आमंत्रित करने वाला है। मनीकंट्रोल की खबर में एक सीनियर अधिकारी के हवाले से बताया गया है-एयर इंडिया की कम से कम दो पूर्ववर्ती सहायक कंपनियों के लिए EOI इस महीने आमंत्रित किए जाने की संभावना है। हम इसके लिए लक्ष्य बना रहे हैं। अभी यह तय नहीं हुआ है कि कौन सी दो, लेकिन तीन सहायक कंपनियों में से कोई भी दो होंगी।
लंबे समय से पेंडिंग में है प्रोसेस
बता दें कि लंबे समय से एयर इंडिया की गैर-प्रमुख इकाइयों- एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (AIESL), AI एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (AIASL) और एयरलाइन एलाइड सर्विसेज लिमिटेड (AAAL) की बिक्री पेंडिंग में है और अब इस प्रक्रिया को तेज करने की कवायद चल रही है। AIESL की बात करें तो मेंटेनेंस, रिपेयरिंग और ऑपरेशन (एमआरओ) फर्म है। वहीं, AIASL एक ग्राउंड-हैंडलिंग कंपनी और एएएएल एलायंस एयर के रूप में काम करती है। पिछले साल दीपम ने AIESL के लिए निवेशकों को जोड़ने को मुंबई में रोड शो आयोजित किए और बाद में विनिवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिए मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह से मंजूरी प्राप्त की।
टाटा के कंट्रोल में एयर इंडिया
अगर एयर इंडिया की बात करें तो साल 2021 में एयरलाइन कंपनी को टाटा समूह ने खरीदा था। पहले यह सरकार के नियंत्रण में था। बता दें कि केंद्र के कैबिनेट ने 2017 में एयर इंडिया के साथ-साथ इन तीनों कंपनियों की रणनीतिक बिक्री को मंजूरी दी, लेकिन जटिल मूल्यांकन और निवेशकों की कम रुचि के कारण विनिवेश प्रक्रिया में देरी हुई।
एक सरकारी अनुमान ने पहले एयर इंडिया की सहायक कंपनियों की बिक्री से संभावित प्राप्तियों को लगभग 3,000 करोड़ रुपये आंका था। AIESL की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार परिचालन से राजस्व 2022-23 में बढ़कर 1,953.40 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष 1,881.91 करोड़ रुपये था, जबकि कुल राजस्व बढ़कर 2,029.86 करोड़ रुपये हो गया।