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बजट 2025: क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जंक फूड पर लगाएंगी ज्यादा टैक्स, इकनॉमिक सर्वे ने दिया है सुझाव

  • Budget 2025 Economic Survey: खराब लाइफ स्टाइल के कारण भारत को प्रोडक्टिविटी में अरबों का नुकसान हो रहा है। इसमें जंक फूड का बहुत बड़ा हाथ है। इकनॉमिक सर्वे में इससे निपटने के लिए सर्वे ने हेल्थ टैक्स का प्रस्ताव दिया है।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टाइम्सSat, 1 Feb 2025 06:40 AM
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बजट 2025: क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जंक फूड पर लगाएंगी ज्यादा टैक्स, इकनॉमिक सर्वे ने दिया है सुझाव

Budget 2025 Economic Survey: मेंटल हेल्थ इश्यू और खराब लाइफ स्टाइल के कारण भारत को प्रोडक्टिविटी में अरबों का नुकसान हो रहा है। इस नुकसान में जंक फूड्स का बहुत बड़ा हाथ है। शुक्रवार को जारी सरकार के इकनॉमिक सर्वे में इस बात का जिक्र किया गया। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स यानी जंक फूड की बढ़ती खपत इन दिक्कतों को बढ़ाने के कारणों में से एक है। इससे निपटने के लिए सर्वे ने "हेल्थ टैक्स" का प्रस्ताव दिया है।

संसद में शुक्रवार को पेश इकनॉमिक सर्वे 2024-25 में सरकार ने 2023 विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कैसे भारत में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य (UPF) पदार्थों यानी जंक फूड की खपत 2006 में 900 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2019 में 37.9 अरब डालर हो गई है। इसमें सलाना 33 प्रतिशत से अधिक की उछाल आई है।

सर्वेक्षण में कहा गया है, "विज्ञापन करने वाले ब्रांडों / प्रोडक्ट पर टार्गेट 'हेल्थ टैक्स' को उपाय के रूप में भी माना जा सकता है," सर्वेक्षण में कहा गया है कि सेल्फ रेगुलेशन वैश्विक स्तर पर अप्रभावी साबित हुआ है। "

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जंक फूड में फैट, नमक और चीनी ज्यादा

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीएफ फैट, नमक और चीनी काफी मात्रा में होते हैं, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते है। यूपीएफ इंडस्ट्रीज का बिजनेस मॉडल खाद्य पदार्थों की हाइपर पैलेटबिलिटी और आक्रामक मार्केटिंग रणनीतियों पर निर्भर करता है। इसमें उपभोक्ता के व्यवहार को टार्गेट करने वाले भ्रामक विज्ञापन होते हैं। इनमें सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट शामिल हैं।

यूपीएफ में आती हैं ये चीजें

रिपोर्ट में कहा गया है, "उदाहरण के लिए ब्रेकफास्ट में लिया जाने वाला अनाज, टेट्रा पैक जूस और चॉकलेट माल्ट ड्रिंक को अक्सर हेल्दी और न्यूट्रिटियस के रूप में प्रचारित किया जाता है। इनग्रिएंट के आधार पर ये यूपीएफ की श्रेणी में आते हैं।

जांच के दायरे में लाने का सुझाव

सर्वे का सुझाव है कि न्यूट्रिशन के गलत दावों और यूपीएफ पर जानकारी से निपटने की जरूरत है और इसे जांच के दायरे में लाया जाना चाहिए। नमक और चीनी की मात्रा मिलाने के लिए मानक निर्धारित करना और नियमों का पालन करने के लिए यूपीएफ ब्रांडों की जांच सुनिश्चित करना भी आवश्यक है।

सर्वे से पता चलता है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) को यूपीएफ के लिए स्पष्ट परिभाषाएं और मानक स्थापित करने चाहिए, जिसमें सख्त लेबलिंग आवश्यकताएं शामिल हैं।

खराब लाइफ स्टाइल बीमारियों को देता है न्योता

बहुत अधिक जंक फूड का इस्तेमाल, नींद की कमी, गैजेट्स डिवाइस का उपयोग बढ़ना और एक्सरसाइज की कमी वाली खराब लाइफ स्टाइल हृदय रोग, कैंसर, सांस की बीमारियों और डायबिटिज के लिए रिस्की। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की 2017 की रिपोर्ट "इंडिया: हेल्थ ऑफ द नेशंस स्टेट्स" से पता चला है कि भारत में इन रोगों से संबंधित मौतें 1990 में 37.9% की तुलना में 2016 में बढ़कर 61.8% हो गईं।

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