कोई दलित 𝐑𝐒𝐒 प्रमुख क्यों नहीं बना, तेजस्वी ने मोहन भागवत पर शहीदों के अपमान का लगाया आरोप; पूछे तीखे सवाल
- तेजस्वी ने कहा कि उनके इस कथन से कि देश को असल स्वतंत्रता 𝟐𝟎𝟐𝟒 में ही मिली है। 𝐑𝐒𝐒 प्रमुख ने आज़ादी के करोड़ों मतवालों, दीवाने देशभक्तों, असंख्य शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों का घोर अपमान किया है।
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने आज़ादी के करोड़ों मतवालों, दीवाने देशभक्तों, असंख्य शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों का घोर अपमान किया है। इसके अलावा तेजस्वी यादव ने आरएसएस प्रमुख से कई तीखे सवाल भी पूछ हैं।
तेजस्वी यादव ने बुधवार को एक्स पर लिखा, '𝐑𝐒𝐒 प्रमुख मोहन भागवत जी का अब बस यही कहना कि दलितों-पिछड़ों का आरक्षण खत्म होगा तभी देश को असल मायनों में आजादी मिलेगी, बाक़ी रह गया है। उनके इस कथन से कि देश को असल स्वतंत्रता 𝟐𝟎𝟐𝟒 में ही मिली है। 𝐑𝐒𝐒 प्रमुख ने आज़ादी के करोड़ों मतवालों, दीवाने देशभक्तों, असंख्य शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों का घोर अपमान किया है।
संघ के लोगों का स्वतंत्रता संग्राम में अपना कोई योगदान नहीं था इसलिए ये अब बाकियों के योगदान को खत्म करने के नए प्रपंच रच रहे हैं। इनका संगठन तो स्वयं अंग्रेजों का दलाल और मुख़बिर रहा है। दलितों-पिछड़ों, मेहनतकश एवं कृषक वर्गों के ऐतिहासिक योगदान को कमतर करना ही 𝐑𝐒𝐒 का हमेशा से उद्देश्य रहा है। मोहन भागवत जी, देश गुलामी की तरफ़ अग्रसर है क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपया सर्वकालिक निम्नस्तर पर है, उस पर ध्यान दिजीए।
मोहन भागवत जी बताएं कि:-
𝟏. देश के बहुसंख्यक दलितों-पिछड़ों को असल आजादी कब मिलेगी?
𝟐. दलित-पिछड़ा से घृणा करने वाले 𝟏𝟎𝟎 वर्ष पुराने संगठन 𝐑𝐒𝐒 के कर्ता-धर्ता बताए कि आज तक कोई दलित पिछड़ा 𝐑𝐒𝐒 का प्रमुख क्यों नहीं बना?
𝟑. महिला 𝐑𝐒𝐒 प्रमुख क्यों नहीं बनी?
𝟒. जातिगत जनगणना कब होगी?
𝟓. दलितों-पिछड़ों का आरक्षण उनकी आबादी के अनुपात में कब बढ़ेगा?'
बता दं कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इसी दिन मिली थी।