तिरहुत स्नातक उपचुनाव: जेडीयू प्रत्याशी अभिषेक झा ने दाखिल किया नामांकन, बोले- कोई चुनौती नहीं
तिरहुत स्नातक विधान परिषद उपचुनाव के लिए 11 नवंबर से नामांकन जारी है। मंगलवार को इस सीट से एनडीए समर्थित जेडीयू प्रत्याशी अभिषेक झा ने मुजफ्फरपुर स्थित आयुक्त कार्यालय में जाकर नामांकन दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ सीतामढ़ी से सांसद देवेश चंद्र ठाकुर भी मौजूद रहे।
बिहार विधान परिषद के तिरहुत निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव के लिए एनडीए समर्थित जेडीयू प्रत्याशी अभिषेक झा ने आज मुजफ्फरपुर आयुक्त कार्यालय में नामांकन कर दिया है। इस दौरान उनके साथ इस सीट से चार बार एमएलसी और सीतामढ़ी के मौजूदा सांसद देवेश चंद्र ठाकुर भी मौजूद रहे। मीडिया से बातचीत के दौरान अभिषेक झा ने कहा कि किसी तरह की कोई चुनौती नहीं है। हम जेडीयू के कार्यकर्ता हैं, जो परीक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। वहीं वहीं तेजस्वी के तिरहुत में चुनाव प्रचार के सवाल पर अभिषेक ने तंज कसते हुए कहा कि ये पढ़े लिखे लोगों का चुनाव है। पढ़े लिखे लोग किसी कीमत पर जंगलराज वालों के साथ नहीं जाएंगे। पहले वो खुद पढ़-लिख लें उसके बाद चुनावी मैदान में आएं।
अभिषेक झा ने कहा, अब हम जनता की अदालत में हैं, पूरा जो तिरहुत क्षेत्र रहा है वो उर्वरक रहा है। ये सीट एनडीए की पारंपरिक सीट रही है। निश्चित रूप से मतदाता मालिकों का आशीर्वाद मिलेगा, कहीं कोई चुनौती नहीं है। हम जेडीयू के कार्यकर्ता हैं, और हम इस पद्धति में विश्वास रखते हैं कि परीक्षा की तैयारी नहीं की जाती है बल्कि परीक्षा के लिए हमेशा तैयार रहा जाता है। आपको बता दें आरजेडी ने इस सीट से गोपी किशन को प्रत्याशी बनाया है।
तिरहुत स्नातक उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को वोटिंग, 9 दिसंबर को मतगणना के बाद चुनाव परिणाम जारी किया जाएगा। 11 नवंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 21 नवंबर नामांकन वापसी की अंतिम तारीख निर्धारित की गई है। तिरहुत स्नातक उपचुनाव में करीब एक लाख 58 हजार 828 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
आपको बता दें यह सीट देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद निर्वाचित होने और एमएलसी के पद से इस्तीफा देने के कारण खाली हुई है। इस सीट के लिए कार्यकाल 14 जून 2026 तक निर्धारित है। सीतामढ़ी लोकसभा सीट से जनता दल यूनाइटेड के देवेश चंद्र ठाकुर ने 51 हजार 356 वोटों से जीत दर्ज की थी। देवेश चंद्र ठाकुर 4 बार एमएलसी रह चुके हैं। 2002 में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीते थे। फिर जेडीयू में शामिल हो गए थे।