स्कूलों के पास से कुत्ता भगाने के आदेश पर भड़के टीचर, शिक्षक संघ ने जताया विरोध
शिक्षकों को स्कूलों के पास कुत्ता भगाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने संबंधित आदेश से टीचर भड़क गए हैं। शिक्षक संघ ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसका विरोध शुरू कर दिया है।
बिहार में सरकारी स्कूल के शिक्षकों को कुत्ता भगाने का आदेश देने पर हंगामा मच गया है। स्कूलों के पास आवारा कुत्तों के मंडराने एवं छात्र-छात्राओं को इसके खतरों से बचाने के लिए शुरू की गई पहल का विरोध शुरू हो गया है। प्राथमिक सहित कई शिक्षक संघों ने इसे शिक्षकों की तौहीन करार दिया है। शिक्षक संघ राज्य सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर इसके विरोध में पोस्ट किए जाने लगे हैं।
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नर्वोदय ठाकुर ने कहा कि इससे संबंधित आदेश कई जिलों में जारी हुआ है। यह गलत है। शिक्षक आदेश से जुड़ी छपी खबरों की कतरन सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक-दूसरे से साझा कर अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं।
मालूम हो कि वायरल आदेश के अनुसार शिक्षकों से कहा गया है कि स्कूल के आसपास आवारा कुत्तों से बच्चों को बचाने की जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाध्यापक और सहयोगी शिक्षक-शिक्षिकाओं की होगी।J
समग्र शिक्षा के डीपीओ मनीष कुमार सिंह ने बताया कि ऐसा कोई विभागीय आदेश उनके संज्ञान में अब तक नहीं है। अगर कोई आदेश आएगा तो उसका पालन कराया जाएगा।
वहीं, पीएम पोषण योजना के डीपीओ कुणाल गौरव ने कहा कि उन्होंने कुछ जिलों में इसको लेकर जारी आदेश को देखा है। पीएम पोषण के तहत बनने वाले मिड डे मिल के अवशेष का निष्पादन सही तरह से करने का निर्देश है। ताकि आवारा कुत्तों का स्कूलों में प्रवेश न हो सके। उन्होंने कहा कि इस खतरे से स्कूली बच्चों के बचाव को लेकर अभिभावक और विद्यालय स्तर पर भी सजगता और सावधानी जरूरी है।