शिक्षकों की नेतागिरी नहीं चलेगी, सिद्धार्थ बोले- राजनीति करने वाले टीचर ट्रांसफर होंगे
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि जो शिक्षक स्थानीय राजनीति में शामिल होंगे या स्कूल का माहौल बिगाड़ेंगे, तीन दिन का नोटिस देकर उनका दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
बिहार के सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों की अब नेतागिरी नहीं चलेगी। नई विशिष्ट शिक्षक नियमावली को हाल ही में नीतीश कैबिनेट से मंजूरी मिली है। इसके तहत स्थानीय राजनीति में संलिप्त रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग सख्त रवैया अपनाएगा। अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने गुरुवार को कहा कि अगर कोई टीचर विद्यालय का माहौल बिगाड़ता है, लोकल पॉलिटिक्स में शामिल होता है या अन्य शिक्षकों को तंग करता है, तो उसका ट्रांसफर कर दिया जाएगा। संबंधित शिक्षक को तीन दिन का नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद डीईओ या निदेशक के स्तर पर गड़बड़ी करने वाले शिक्षक का तबादला किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में विशिष्ट शिक्षक नियमावली पर मुहर लगाई गई। इसके बाद शिक्षा विभाग ने नई नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी। ये नियम सक्षमता परीक्षा पास करने वाले नियोजित शिक्षकों पर लागू होंगे। इसमें प्रावधान है कि सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद नियोजित शिक्षक मौजूदा स्कूल में ही योगदान देकर विशिष्ट शिक्षक का दर्जा प्राप्त कर सकेंगे। उनका फिलहाल तबादला नहीं किया जाएगा। शिक्षा विभाग द्वारा उनके प्रमाण-पत्रों की जांच करने के बाद स्थायीकरण कर दिया जाएगा।
गड़बड़ी करने वाले शिक्षकों का तुरंत तबादला होगा
कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए एसीएस एस सिद्धार्थ ने कहा कि जो शिक्षक गड़बड़ी करते हुए पाए गए, उनका तुरंत तबादला कर दिया जाएगा। इसका अधिकार जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को भी दिया गया है। डीईओ ऐसे शिक्षकों का जिले के अंदर ही किसी अन्य स्कूल में ट्रांसफर कर सकेंगे। वहीं, जिले से बाहर तबादला करने का अधिकार शिक्षा विभाग के निदेशक के पास रहेगा। शिक्षकों को इसके खिलाफ अपील का मौका भी दिया जाएगा। वे ट्रांसफर-पोस्टिंग के खिलाफ सचिव स्तर के पदाधिकारी के खिलाफ अपील दायर कर सकेंगे।