बढ़ा हुआ आरक्षण खत्म नहीं होने देंगे, 9वीं सूची में शामिल कराकर रहेंगे; तेजस्वी ने मोदी-नीतीश को घेरा
तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉनफ्रेंस करते हुए कहा कि बढ़े हुए आरक्षण को 9वीं सूची में शामिल कराने के लिए आरजेडी सड़क पर आंदोलन करेगी। और सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी। नीतीश सरकार पर अब भरोसा नहीं है।
बिहार में आरक्षण की नई व्यवस्था को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम तेजेस्वी यादव ने केंद्र और बिहार की एनडीए सरकार को घेरा। और कहा कि बढ़े हुए आरक्षण को बचान के लिए आरजेडी सड़क पर आंदोलन करेगी और सुप्रीम कोर्ट भी जाएगी। क्योंकि उन्हें बिहार की नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर भरोसा नहीं है। तेजस्वी ने शुक्रवार को 5 देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी आवास पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में ये बाते कहीं।
उन्होने कहा कि आरक्षण बचाने और बिहार में आरक्षण की सीमा को 65% तक किए जाने को 9वीं अनुसूची में डलवाने को लेकर अब किसी को भी NDA सरकार पर भरोसा नहीं है। राष्ट्रीय जनता दल आरक्षण को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इसकी रक्षा के लिए सड़क से सदन तक एड़ी-चोटी का जोर लगाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि जदयू और भाजपा की राज्य और केंद्र दोनों जगह सरकार है। दोनों चाहे तो तुरंत इस पर कार्रवाई कर सकते हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि तमिनलनाडु की तर्ज पर बिहार में बढ़े हुए आरक्षण को संविधान की 9वीं सूची में डाला जाए। ताकि इससे कोई छेड़खानी न हो पाए। लेकिन बीजेपी जातीय गणना के खिलाफ है, इसलिए रोड़े अटकाए गए। इस मामले पर जब 17 महीने महागठबंधन की सरकार थी। तब हम लोगों का प्रतिनिधिमंडल पीएम मोदी से मुलाकात करने गया था। लेकिन मना कर दिया गया था। वहीं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से भी मना कर दिया है। इसकी आशंका हम सबको पहले से थी।
अब लोगों बढ़े हुए आरक्षण को 9वीं सूची में शामिल कराने के लिए सड़क पर आंदोलन भी करेंगे। और सुप्रीम कोर्ट में आरजेडी अपने बिदुंओं को लेकर याचिका भी दाखिल करेंगे। तेजस्वी ने कहा कि बिहार सरकार किस तरह पक्ष रख रही है, बिहार की एनडीए सरकार पर हमें भरोसा नहीं है। केंद्र और बिहर दोनों जगह एनडीए की सरकार है। अब साफ हो गया है कि ये लोग नहीं चाहते है कि आरक्षण की बढ़ी सीमा 9वीं अनुसूची में डाली जाए।
एनडीए सरकार को घेरते हुए तेजस्वी ने कहा कि अनुसूची-9 में डालने का अधिकार भारत सरकार के पास है। राज्य सरकार को अधिकार नहीं। संसद में झूठ बोला जा रहा है, अगर ये स्टेट मैटर है, तो हम लोगों के हटने के बाद ये मामला नीतीश सरकार ने वापस ले लिया हो, ऐसा तो है नहीं। वहीं जेडीयू के नेताओं के मुंह में दही जमा है, कोई आवाज नहीं उठा रहा। जबकि जेडीयू भाररत सरकार का मुख्य सहयोगी है, सिर्फ खेल खेला जा रहा है। इन लोगों की नियत नहीं है। बिहार सरकार ने इस मामले में कोई पारदर्शिता नहीं रखी। उनके मंत्री चुप हैं। यानि कि नीतीश सरकार इतनी सीट लाने के बाद भी फेल हो चुके हैं। उनकी कोई सुन रहा, या वो सुना नहीं रहे।
आपको बता दें बिहार आरक्षण कानून को पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। जिसके बाद नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उच्च न्यायालय ने भी हाईकोर्ट के कोर्ट पर स्टे दिया है। और अब सितंबर में इस मामले पर पूरी सुनवाई की बात कही है। वहीं नीतीश सरकार के मंत्री विजय चौधरी कह चुके हैं कि सरकार मजबूती से कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।
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