पूर्णिया कॉलेज में नि:शुल्क प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी से छात्र हो रहे लाभान्वित
पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी अब छात्रों के लिए बोझ नहीं, बल्कि अवसर बन रही है। एससीएसटी एवं अत्यंत पिछड़ा कल्याण

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी अब छात्रों के लिए बोझ नहीं, बल्कि अवसर बन रही है। एससीएसटी एवं अत्यंत पिछड़ा कल्याण विभाग की ओर से पूर्णिया कॉलेज में नि:शुल्क कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे सैकड़ों छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। यह कार्यक्रम प्राक परीक्षा प्रशिक्षण संस्थान द्वारा संचालित किया जा रहा है और इसका उद्देश्य कमजोर वर्गों के प्रतिभावान छात्रों को मुख्यधारा में लाना है। फिलहाल यह कोचिंग अपने सातवें बैच में प्रवेश कर चुकी है। प्रत्येक बैच में 60-60 छात्रों को चयनित कर एसएससी, रेलवे, बैंकिंग, बीपीएससी तथा यूपीएससी जैसी प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है।
इस प्रशिक्षण की अवधि छह माह की होती है, जिसमें नियमित रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है। बता दें कि पूर्णिया कॉलेज में चल रही यह नि:शुल्क कोचिंग न केवल छात्रों के भविष्य को संवार रही है, बल्कि सामाजिक समावेशिता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे प्रेरित होकर अन्य जिलों में भी इस प्रकार की पहल की अपेक्षा की जा रही है। छात्रों का नियमित मूल्यांकन: कोचिंग क्लास प्रतिदिन सुबह छह बजे से नौ बजे तक पूर्णिया कॉलेज परिसर में आयोजित किए जाते हैं। यहां के अनुभवी शिक्षक छात्रों को न केवल पाठ्यक्रम की गहराई से जानकारी देते हैं, बल्कि परीक्षा के प्रति रणनीतिक दृष्टिकोण भी विकसित कराते हैं। इस पहल से ग्रामीण व आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों के छात्रों को नई दिशा मिल रही है। कोचिंग में पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों के प्रदर्शन की भी नियमित जांच की जाती है। इसके लिए साप्ताहिक तथा पाक्षिक जांच परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिससे छात्रों की प्रगति का मूल्यांकन होता है और उन्हें सुधार के अवसर भी मिलते हैं। उपस्थिति के आधार पर मिलती है आर्थिक सहायता: इस कोचिंग की एक और खास बात यह है कि इसमें नियमित रूप से उपस्थित रहने वाले छात्रों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है। यदि कोई छात्र जिला से बाहर का है और उसकी उपस्थिति 75 प्रतिशत से अधिक है तो उसे प्रति महीने₹3000 रुपए की सहायता राशि दी जाती है। वहीं, जिले के निवासी छात्रों को प्रति महीने₹1500 रुपए की राशि मिलती है। यह राशि छात्रों के जीवन यापन और पढ़ाई के संसाधनों के लिए सहायक सिद्ध हो रही है। इससे पहले, छह बैचों की पढ़ाई सफलता पूर्वक पूरी की जा चुकी है और उनमें से कई छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर चुके हैं। सातवें बैच के नामांकन के लिए विभाग द्वारा परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें चयनित 180-180 छात्रों को 23 अप्रैल से कक्षाएं दी जा रही हैं। कहते हैं अधिकारी: हमारा उद्देश्य है कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े छात्रों तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित की जाए। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मार्गदर्शन और संसाधनों की कमी बहुत बड़ी बाधा होती है, जिसे हम इस कार्यक्रम के माध्यम से दूर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में इस कार्यक्रम को और विस्तार देने की योजना है, जिससे अधिक से अधिक छात्रों को लाभ मिल सके। -संजय कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी (एससीएसटी एवं अति पिछड़ा वर्ग)।
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