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पीजी, पीएचडी परीक्षा बन गई मजाक! बिना कॉपी जांचे रिजल्ट जारी; पूर्णिया विवि का बड़ा कांड

पूर्णिया विश्वविद्यालय में लापरवाही का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जब यूजी, पीजी और पीएचडी प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट बिना कॉपी जांचे ही जारी कर दिया गया। जांच रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो अजय कुमार पांडेय को निलंबित कर दिया गया है।

sandeep हिन्दुस्तान, आदित्य नाथ झा, पूर्णियाMon, 21 April 2025 07:05 PM
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पीजी, पीएचडी परीक्षा बन गई मजाक! बिना कॉपी जांचे रिजल्ट जारी; पूर्णिया विवि का बड़ा कांड

क्या आप सोच सकते हैं कि बिना शिक्षकों के कॉपी जांचे पीजी, पीएचडी जैसी परीक्षा का रिजल्ट भी जारी किया जा सकता है। लेकिन ऐसा पूर्णिया विश्वविद्यालय में हुआ है। पीयू की जांच टीम की रिपोर्ट में बताया गया है कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 के स्नातक (यूजी), स्नातकोत्तर (पीजी) और पीएचडी प्रवेश परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन शिक्षकों के बिना ही कर दिया गया और रिजल्ट भी जारी कर दिया गया।

पूर्णिया यूनिवर्सिटी के कुलपति (वीसी) प्रो विवेकानंद सिंह को सौंपी गई अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर पूर्व परीक्षा नियंत्रक (सीओई) प्रो अजय कुमार पांडेय को 19 अप्रैल को निलंबित कर दिया गया था। भौतिकी विभाग के प्रोफेसर पांडेय उत्तर पुस्तिकाओं के संचालन और मूल्यांकन से संबंधित अनियमितताओं में संलिप्त पाए गए थे। सीओई के खिलाफ आवाज उठने के बाद इस साल 17 फरवरी को एक जांच टीम का गठन किया गया, जिसने 21 मार्च को सौंपी गई अपनी अंतरिम रिपोर्ट में परीक्षा प्रणाली में गंभीर अनियमितताओं का जिक्र किया। जिसके बाद प्रो पांडेय को सीओई के पद से हटा दिया गया।

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अंतिम रिपोर्ट मिलने के तुरंत बाद, वीसी ने उन्हें निलंबित कर दिया और निलंबन अवधि के दौरान मारवाड़ी कॉलेज किशनगंज में सेवा देने को कहा गया है। इस संबंध में कुलाधिपति कार्यालय को सूचित कर दिया गया है। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि परीक्षा नियंत्रक (सीओई) प्रो अजय कुमार पांडे के शासन में यूजी, पीजी और पीएचडी की प्रवेश परीक्षाएं मजाक बनकर रह गईं। रिपोर्ट का हवाला देते हुए टीम के एक सदस्य ने एचटी को बताया, कि परीक्षा कॉपियों का मूल्यांकन बिना शिक्षकों के किया गया।

प्रो पांडे जिन्हें 1 मार्च, 2024 को पूर्णिया विवि का सीओई नियुक्त किया गया था। वो 6 अप्रैल, 2025 तक पद पर रहे, जब उन्हें अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर पद से हटा दिया गया। पीयू के उच्च पदस्थ सूत्रों ने एचटी को बताया, कि उनके कार्यकाल के दौरान यूजी, पीजी और यहां तक ​​​​कि पीएचडी प्रवेश परीक्षाओं को भी मजाक बनाकर रख दिया गया था। परीक्षा कॉपियों के बिना मूल्यांकन के रिजल्ट प्रकाशित किए गए।

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आपको बता दें सीओई एक विश्वविद्यालय अधिकारी होता है, जो परीक्षा की पूरी प्रक्रिया की देखरेख करता है। जिसमें परीक्षा का समय निर्धारण और संचालन से लेकर परिणामों का प्रबंधन और प्रणाली की निष्पक्षता और अखंडता सुनिश्चित करना शामिल है। सीओई आमतौर पर कुलपति को रिपोर्ट करता है और संस्थान परिषद के मार्गदर्शन में काम करता है। ऐसी अनियमितताओं के कारण पीयू की बदनामी हुई है, जिसकी स्थापना 2018 में सीमांचल के गरीब छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी, जिसमें चार जिले (पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज) शामिल हैं, जिसमें तीन लॉ कॉलेज समेत 37 कॉलेज शामिल हैं।

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