जमीन, फंड यूपीए सरकार ने दिया; पीएम मोदी बस फीता काटने आए; नालंदा यूनिवर्सिटी के उद्घाटन पर RJD का तंज
प्रधानमंत्री मोदी ने आज नालंदा यूनिवर्सिटी के न्यू कैंपस का उद्घाटन किया। इस मौके पर आरजेडी ने तंज करते हुए कहा कि पीएम तो सिर्फ फीता काटने आए हैं। स्थापना तो यूपीए सरकार के दौरान हुई थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजगीर पहुंचकर नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के पास नए परिसर का उद्घाटन किया। और यूनिवर्सिटी के न्यू कैंपस का जायजा भी लिया। इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर और आसियान देशों के प्रतिनिधियों समेत 17 देशों के राजदूत भी शामिल हुए। लेकिन वहीं दूसरी तरफ लालू यादव की आरजेडी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पीएम मोदी सिर्फ फीता काटने आए हैं। ना कि यूनिवर्सिटी की स्थापना करने, साथी नालंदा यूनिवर्सिटी को यूपीए सरकार की उपलब्धि बताया।
आरजेडी ने एक्स पर किए गए पोस्ट में लिखा, कि नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से बनाए जाने का विचार सबसे पहले 𝟐𝟎𝟎𝟔 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने दिया था। 𝟐𝟎𝟎𝟕 𝐄𝐚𝐬𝐭 𝐀𝐬𝐢𝐚 समिट में इस के पुनः स्थापना के आईडिया को कई देशों ने एंडोर्स किया। 𝟐𝟎𝟎𝟕 में ही इसे बनाने के लिए बिहार विधान सभा से कानून पास किया गया। 𝟐𝟎𝟎𝟗-𝟏𝟎 में 𝐄𝐚𝐬𝐭 𝐀𝐬𝐢𝐚 समिट में कई देशों ने निर्माण में सहयोग का वादा किया और इसमें भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का अहम योगदान था।
𝟐𝟎𝟏𝟎 में भारत की संसद ने 𝐍𝐚𝐥𝐚𝐧𝐝𝐚 𝐔𝐧𝐢𝐯𝐞𝐫𝐬𝐢𝐭𝐲 𝐀𝐜𝐭- 𝟐𝟎𝟏𝟎 पास किया और यह यूनिवर्सिटी अस्तित्व में आया। बिहार सरकार ने यूनिवर्सिटी के कैंपस के लिए 𝟒𝟖𝟓 एकड़ ज़मीन दिया। जनवरी 𝟐𝟎𝟏𝟒 में मनमोहन सिंह की सरकार ने नए यूनिवर्सिटी के भवन निर्माण के लिए 𝟏𝟕𝟒𝟗 करोड़ और अन्य खर्चा के लिए 𝟗𝟕𝟕 के फंड को स्वीकृति दिया। यूनिवर्सिटी कई वर्षों से संचालित है।
आज जो प्रधानमंत्री फीता काटने आए हैं वह बिल्डिंग का फीता काटने आए हैं ना कि यूनिवर्सिटी की स्थापना करने का। उस बिल्डिंग का फीता जिस के लिए फंड भी पिछली 𝐔𝐏𝐀 सरकार दे कर गई थी। हाँ मोदी सरकार ने इसी फंड में कटौती ज़रूर किया है। इनसे झूठ और झूठा प्रचार कितना भी करवा लो।
इससे पहले समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किताबें जल सकती हैं, लेकिन ज्ञान नहीं नष्ट हो सकता है। उन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी को भारत का गौरव बताते हुए कहा कि हमारा देश मानव मूल्यों को संरक्षित करता है और जानता है कि इतिहास को कैसे पुनर्वजीवित किया जाता है
आपको बता दें राजगीर की पंच पहाड़ियों में से एक वैभारगिरि की तलहटी में बनाया गया नालंदा यूनिवर्सिटी का न्यू कैंपस करीब 455 एकड़ में फैला है। 1750 करोड़ रुपये की लागत से नए भवनों और अन्य सुविधाओं का निर्माण किया गया। अभी इस कैंपस का काम चल रहा है। नालंदा यूनिवर्सिटी के कैंपस में 24 इमारतें हैं।
नालंदा यूनिवर्सिटी के न्यू कैंपस में 40 कक्षाओं वाले दो शैक्षणिक ब्लॉक, जिसमें छात्रों के कुल बैठने की क्षमता 1,890 है। दो प्रशासनिक ब्लॉक, 300 से अधिक लोगों के बैठने की क्षमता वाले दो मीटिंग हॉल, लगभग 550 छात्रों की क्षमता वाले हॉस्टल, और एकेडमिक रेजीडेंशियल 197 आवास भी बनाए जा रहे हैं। नए परिसर में एक गेस्टहाउस, एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र, 1,000 लोगों की क्षमता वाला एक डाइनिंग हॉल, एक एम्फीथिएटर जिसमें 2,000 लोगों को समायोजित किया जा सकता है, और एक खेल परिसर, एक मेडिकल सेंटर, एक कमर्शियल सेंटर की भी सुविधा है।