पटना सीरियल ब्लास्ट के दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली, मोदी की रैली में हुए थे धमाके
पटना में साल 2013 में नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली के दौरान हुए सीरियल ब्लास्ट में चार दोषियों की फांसी की सजा को हाई कोर्ट ने कारावास में बदल दिया है। इन धमाकों में 6 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हो गए थे।
बिहार की राजधानी पटना में 2013 में हुए सीरियल ब्लास्ट के चार दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में बदल गई है। पटना हाई कोर्ट ने चार दोषियों की फांसी की सजा को वापस लेते हुए उन्हें 30 साल तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। पटना हाई कोर्ट के जस्टिस आशुतोष कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने दो अन्य दोषियों की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। बता दें कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की पटना के गांधी मैदान में आयोजित चुनावी रैली के दौरान सिलसिलेवार धमाके हुए थे।
एनआईए के विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा कि पटना हाई कोर्ट की बेंच ने 2013 सीरियल बम धमाकों के दोषी चार लोगों की मौत की सजा को बुधवार को 30 साल के कारावास में बदल दिया। जिन चार दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदला गया है, उनमें हैदर अली, नोमान अंसारी, मोहम्मद मुजीबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज आलम शामिल हैं। इसके अलावा, दो अन्य दोषियों उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी को पूर्व में सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा गया है।
बता दें कि साल 2021 में एनआईए स्पेशल कोर्ट ने बम धमाकों के 9 में से 4 दोषियों को मृत्युदंड यानी फांसी की सजा सुनाई थी। वहीं दो दोषियों को आजीवन कारावास और दो अन्य को 10 साल जबकि एक को सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। यह मामला 2013 का है, जब नरेंद्र मोदी पटना के गांधी मैदान में एक चुनौवी रैली को संबोधित करने आए थे। उस समय शहर में 6 बम धमाके हुए थे जिनमें 6 लोगों की मौत हो गई थी। पहला ब्लास्ट पटना रेलवे स्टेशन पर हुआ था, जबकि अन्य धमाके गांधी मैदान और आसपास के इलाकों में हुए थे जहां मोदी की रैली आयोजित की गई थी।
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