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Hindi Newsबिहार न्यूज़नवादाGrand Durga Puja Celebrations in Nawada Railway Colony A 74-Year Tradition

1950 से जारी है रेलवे कॉलोनी में दुर्गा पूजा की बंगाली परम्परा

नवादा के रेलवे कॉलोनी में 74 वर्षों से दुर्गा पूजा की बंगाली परंपरा निभाई जा रही है। इस बार पूजा समिति भव्यता से तैयारी कर रही है, जिसमें आठ फीट ऊंची मूर्ति और आकर्षक सजावट शामिल है। पूजा के दौरान...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाThu, 12 Sep 2024 08:43 AM
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नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। विगत 74 वर्षों से शहर के रेलवे कॉलोनी में दुर्गा पूजा की बंगाली परम्परा निभाई जा रही है। 1950 में पीडब्ल्यूआई अभियंता ने यहां पूजन की परम्परा की शुरुआत की थी। वह पश्चिम बंगाल के थे इसलिए बंगाली पद्धति से पूजन की शुरुआता हुई थी, जिसे सर्वसम्मति से वर्तमान तक निभाया जा रहा है। वर्तमान पूजा समिति के अध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद कहते हैं कि इस बार काफी भव्य तरीके से पूजनोत्सव की तैयारी है। आठ फीट से ऊंची माता दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण जारी है जबकि पंडाल और डेकोरेशन तथा लाइटिंग भी काफी आकर्षक और मनमोहक बनाने की तैयारी चल रही है। पांच लाख से होगा पूजनोत्सव, षष्ठी को ही खुलेगा माता का पट इस वर्ष पूजनोत्सव पर पांच लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। सिर्फ एक लाख की मूर्ति का निर्माण हो रहा है, जिसमें अपनी कलात्मकता भरने का कार्य राजगीर के मूर्तिकार विपिन पंडित कर रहे हैं। मूर्ति का निर्माण भी बंगला स्वरूप में किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल से ही पंडित रॉबिन चटर्जी पूजन-अनुष्ठान के लिए पहुंचेंगे, जिनके निर्देशन में षष्ठी को मूर्ति का पट खुल जाएगा और पूजनोत्सव की धूम रहेगी। पूजनोत्सव के क्रम में अष्टमी को खीर और पूरी का प्रसाद जबकि महानवमी को खिचड़ा का प्रसाद वितरण होगा। यह परम्परा आरम्भ से निभाई जा रही है। प्रसाद पर लगभग 1.5 लाख का खर्च होगा। भव्य तरीके से होगा जलभरी शहर के मिर्जापुर स्थित खुरी नदी अथवा कादिरगंज के सकरी नदी में से जहां भी शुद्ध और स्वच्छ जल उपलब्ध हो सकेगा, वहां से जलभरी किया जाएगा। इस क्रम में षष्ठी तिथि को बाजे-गाजे के साथ पूजन के यजमान व विप्रजनों के साथ श्रद्धालु नदी तक रवानगी करेंगे और वापसी के बाद मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूर्ण किया जाएगा। शाम को माता का पट खुल जाएगा और शहर भर के श्रद्धालु दर्शन को उमड़ पड़ेंगे। ऐसा प्रतिवर्ष होता है क्योंकि शहर भर में सबसे पहले माता का दर्शन यहीं हो पाता है इसलिए शहर भर के लोग यहां उमड़ पड़ते हैं। पूजनोत्सव के अंत में विजयादशमी पर प्रतिमा विसर्जन का भव्य जुलूस निकाला जाएगा और कादिरगजं स्थित सकरी नदी में माता प्रवाहित की जाएंगी। पूरी कमेटी जुटी है पूजनोत्सव को भव्यता प्रदान करने में अध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद समेत पूरी कमेटी पूजनोत्सव को भव्यता देने में अभी से ही जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि उपाध्यक्ष पीडब्ल्यूआई जेपी यादव, सचिव सहायक मंडल अभियंता राकेश सिन्हा, संयुक्त सचिव अवधेश कुमार सुमन, कोषाध्यक्ष दयानन्द प्रसाद समेत सक्रिय सदस्य रविन्द्र कुमार, कृष्णा राम, दिनेश कुमार, सकलदेव प्रसाद, मुकेश कुमार आदि दिन-रात एक कर दुर्गा पूजा महोत्सव की तैयारियों में लगे हैं। अध्यक्ष ने बताया कि इस बार सजावट और लाइटिंग पर ढाई लाख का खर्च होगा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा का खास इंतजाम किया जाएगा, जिसके लिए पंडाल से लेकर समीपस्थ सभी जगहों पर 10 सीसीटीवी कैमरे से निगरानी होगी जबकि 30 वॉलेंटियर रात-दिन जुटे रहेंगे। हर श्रद्धालु की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाएगा। कई बार कुछ श्रद्धालु रात में ठहरने की भी योजना बना लेते हैं, उनकी सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। 15-15 लड्डू के प्रसाद वितरण की है विशिष्ट परम्परा रेलवे कॉलोनी दुर्गा पूजा समिति की एक अलग ही पहचान है। यहां पूजनोत्सव के समापन के तुरंत बाद प्रसाद के रूप में 15-15 लड्डू का वितरण अलग से ही किया जाता है। रेलवे के सभी स्टाफ के बीच यह प्रसाद वितरित किया जाता है जबकि शहर के गणमान्यजनों के बीच भी लड्डू का विशिष्ट प्रसाद वितरित किया जाता है। यह परम्परा अरसे से निभाई जा रही है। अध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद ने बताया कि प्रसाद वितरण का यह अनोखा तरीका से शहर भर की पूजा समितियों से रेलवे कॉलोनी पूजा समिति को अलग पहचान देता है।

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