चार दिनों से अपहृत किताब कारोबारी कच्ची पक्की से बरामद
मुजफ्फरपुर में चार दिन पूर्व अपहृत किताब कारोबारी सोनू कुमार को पुलिस ने बरामद कर लिया है। अपहरणकर्ता गणेश राय को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मुख्य आरोपी लखिन्द्र राय अभी भी फरार है। पुलिस ने अपहरण के...

मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। सदर थाना के खबड़ा से चार दिन पूर्व अपहृत किताब कारोबारी सोनू कुमार को कच्ची पक्की से सकुशल बरामद कर लिया गया है। नामजद आरोपित गणेश राय को भी इंद्रा कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया गया है। सदर थाने की पुलिस ने मंगलवार को छापेमारी कर यह कार्रवाई की है। जबकि मुख्य आरोपित लखिन्द्र राय अब भी फरार चल रहा है। उसकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है। पूछताछ के बाद गणेश राय को जेल भेज दिया गया है। सोनू कुमार का संबंधित कोर्ट में बयान दर्ज कराया गया है। इसके बाद उसे पीआर बाउंड पर मुक्त किया जाएगा।
सदर थानेदार ने बताया कि फरार आरोपी की तलाश की जा रही है। जल्द ही उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा। जानकारी हो कि सदर थाना के खबड़ा से बीते नौ मई की सुबह किताब कारोबारी सोनू कुमार का अपहरण कर लिया गया था। उसी दिन दोपहर के बाद से कॉल कर फिरौती के रूप में 20 लाख रुपए की मांग की जा रही थी। पहले दिन परिजनों को यह मजाक लगा। लेकिन देर रात तक उनके घर नहीं लौटने पर परिवारवालों को अपहरण का विश्वास हो गया। लोकल स्तर पर बरामदगी को लेकर परिजनों ने काफी कोशिश की। सोमवार की दोपहर अपहृत के भाई रत्नेश कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए सदर थाने में आवेदन दिया। इसमें माधोपुर सुस्ता के लखिन्द्र राय और गणेश राय को नामजद आरोपी बनाया। फिरौती का मामला सामने आने के बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई। मंगलवार अहले सुबह तक आरोपितों के टावर लोकेशन और उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गई। इसके बाद अपहृत को सकुशल बरामद किया गया। यह है पूरा मामला : बताया जा रहा है कि कुछ साल पहले सोनू ने लखिन्द्र के हाथों 14 चक्का ट्रक को 22.50 लाख रुपये में बेचा था। ट्रक एक महिला का था। 13 लाख रुपये फाइनेंस कंपनी को किस्त जमा करनी थी। जबकि बाकी रुपये नगद देना था। इसमें बाकी रुपये तो लखिन्द्र ने नगद दे दिया। करीब चार लाख रुपये और देना था। बकाया पैसा वह नहीं दे रहा था। जब किस्त का लोन सध गया तो सोनू को लगा कि अब यह बकाया रुपया नहीं देगा और ट्रक चलाएगा। इसके बाद सोनू ने ट्रक मालिक को बोलकर ट्रक पर शिकायत करवा दी। इसमें बताया गया कि आरोपित ने ट्रक खरीदा है, लेकिन इसके रुपये नहीं दिये हैं। रंगदारी में ट्रक चलवा रहा है। इसके बाद दो साल पूर्व ट्रक को पकड़कर थाने ले जाया गया। काफी समय बीतने के बाद संबंधित कोर्ट के द्वारा आदेश दिया गया कि ट्रक मालिक को दिया जाए। इसपर लखिन्द्र को लगा कि किस्त भी चुकता हो चुका है। अब यह गाड़ी उससे छीनी जाएगी। इसके बाद सोनू का अपहरण कर लिया गया। इसके बाद वह फिरौती के रूप में सारे रुपये मांगने लगा। इससे पहले स्थानीय स्तर पर समझौता का प्रयास किया गया, लेकिन आरोपितों ने नहीं माना।
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