Fake Transfer Certificates Discovered Among BPSC Teacher Candidates in Muzaffarpur फर्जी विरमन व अनापत्ति प्रमाणपत्र लेकर हस्ताक्षर कराने पहुंचे शिक्षक, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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फर्जी विरमन व अनापत्ति प्रमाणपत्र लेकर हस्ताक्षर कराने पहुंचे शिक्षक

मुजफ्फरपुर में बीपीएससी के तीसरे चरण के शिक्षक अभ्यर्थियों के पास से फर्जी विरमन पत्र और अनापत्ति प्रमाणपत्र मिले हैं। ये प्रमाणपत्र संबंधित स्कूल के हेडमास्टर के हस्ताक्षर के साथ थे, लेकिन जिला...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरFri, 16 May 2025 09:55 PM
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फर्जी विरमन व अनापत्ति प्रमाणपत्र लेकर हस्ताक्षर कराने पहुंचे शिक्षक

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बीपीएससी तीसरे चरण के नियुक्त शिक्षक अभ्यर्थी शुक्रवार को विरमन पत्र और अनापत्ति प्रमाणपत्र लेकर जिला शिक्षा कार्यालय पहुंचे। इसपर संबंधित स्कूल के हेडमास्टर का भी हस्ताक्षर था। जांच जब हुई तो ये फर्जी निकले। इस प्रपत्र पर स्थापना कार्यालय भी छपा हुआ था। ये वैसे शिक्षक हैं, जो टीआरई 1 व 2 में नियुक्त हैं। अब टीआई 3 में योगदान देने को लेकर जिला शिक्षा कार्यालय पहुंचे थे। शिक्षकों ने जब इस प्रमाणपत्र पर जिला शिक्षा अधिकारी से हस्ताक्षर की मांग की तब इसका खुलासा हुआ कि विभाग से इस तरह का कोई फॉर्मेट जारी नहीं किया गया है।

ये अनापत्ति प्रमाणपत्र और विरमन प्रमाणपत्र दोनों ही फर्जी हैं। डीपीओ स्थापना के कार्यालय के नाम पर फर्जी फार्मेट बनाकर जिले में यह वायरल हो रहा है। शिक्षकों ने कहा कि हमें व्हाट्सएप ग्रुप पर यह मिला था। सभी शिक्षक इसे ही भर रहे थे तो हमने भी इसका प्रिंट निकलवा कर भरवा लिया। संबंधित स्कूलों में हेडमास्टर से भी इसपर हस्ताक्षर करवा लिया। जिला शिक्षा अधिकारी अजय कुमार सिंह ने कहा कि जो शिक्षक पहले से नियुक्त हैं और उन्हें टीआरई 3 के तहत तीसरे चरण की नियुक्ति में स्कूल में योगदान देना है, ऐसे शिक्षकों को पहले वाले स्कूल से इस्तीफा देना है। इन शिक्षकों को किसी तरह का विरमन पत्र नहीं मिलना है। ऐसे में विभाग की ओर से इस तरह का कोई भी प्रपत्र जारी करने का सवाल ही नहीं उठता है। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि अगर कोई फॉर्मेट जारी भी होगा तो जिला शिक्षा कार्यालय से जारी होगा। यह फॉर्मेट स्थापना कार्यालय के नाम से जारी किया गया है। डीईओ ने कहा कि संबंधित स्कूल के हेडमास्टर ने भी इसपर ध्यान नहीं दिया और उनलोगों ने भी हस्ताक्षर कर दिया है। इस तरह का फॉर्मेट स्थापना कार्यालय से भी जारी नहीं किया गया है। यह फर्जी फॉर्मेट है।

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