Hindi Newsबिहार न्यूज़Kosi Mechi link project should get approval soon Water Resources Minister Vijay Chaudhary raised demand in NWDA meeting

कोसी-मेची लिंक प्रोजेक्ट को जल्द मिले मंजूरी; NWDA की बैठक में जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने उठाई मांग

बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की, और कोसी-मेची नदी जोड़ परियोजना के डीपीआर को मंजूरी देने की मांग की है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के लिए 11,500 करोड़ की बाढ़ शमन योजना की घोषणा की थी। जिसमें ये योजना शामिल है।

sandeep हिन्दुस्तान, पटनाFri, 20 Dec 2024 10:41 PM
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जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने केन्द्र सरकार से कोसी-मेची लिंक परियोजना सहित बिहार में बाढ़ से सुरक्षा और सिंचाई की महत्वपूर्ण योजनाओं को शीघ्र स्वीकृति देने का अनुरोध किया। इसके पहले उन्होंने गुरुवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) की 38वीं वार्षिक सामान्य बैठक और नदियों के अंतरयोजन पर बनी विशेष समिति की 22वीं बैठक को संबोधित किया। जल संसाधन मंत्री ने कहा कि कोसी-मेची लिंक परियोजना बाढ़ प्रबंधन के साथ-साथ सिंचाई के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इसके प्रथम चरण के कार्यकारी डीपीआर की स्वीकृति के लिए सभी आवश्यक आंकड़े और तथ्य के साथ बिहार सरकार की ओर से समर्पित किया जा चुका है। इसके शुरू होने के पश्चात दूसरे चरण की डीपीआर की स्वीकृति की कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि कम से कम प्रथम चरण के तहत जहां भूमि अधिग्रहण की जरूरत नहीं है और पुरानी प्रणाली को संवर्धित करने की योजना है, उसकी स्वीकृति देकर प्राथमिकता से कार्य शुरू किया जाये। साथ ही कोसी-मेची लिंक परियोजना का वित्त पोषण केन-बेतवा लिंक परियोजना की तर्ज पर किया जाये और इसे 90:40 के अनुपात में केन्द्र सरकार शीघ्र स्वीकृति दे। उन्होंने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री से मुलाकात की।

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इस दौरान उन्होंने बिहार की नदी जोड़ परियोजना को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति प्रदान करने की मांग की। उन्होंने कोसी-मेची लिंक परियोजना की डीपीआर के काम को, जो एनडब्ल्यूडीए में लंबित है, अतिशीघ्र पूरा करने पर जोर दिया। इन बैठकों में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल भी शामिल हुए।

राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति का मामला भी उठाया

चौधरी ने राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति को भी अंतिम रूप देकर तत्काल प्रभावी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिहार की नदियों में लगातार बेहिसाब गाद जमा होने के कारण नदियों की धार प्रभावित हो रही है तथा उनकी जल संधारण क्षमता में भी ह्रास हो रहा है। गाद प्रबंधन के लिए प्रस्तावित नीति में बिहार सरकार के सुझावों को सम्मिलित किया जाये। साथ ही, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) द्वारा भी कहीं ड्रेजिंग कार्य के लिए संबंधित राज्यों से परामर्श जरूर किया जाये।

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