बिना वीजा घुसपैठ, फर्जी आधार कार्ड; बोधगया में बांग्लादेशी घुसपैठिया धराया, क्या था मकसद?
बुद्ध जयंती को लेकर कांती बरूआ बोधगया आया था। पुलिस से पूछताछ में उसने पहले अपना पहचान अरुणाचल प्रदेश के लोहित चौखाम निवासी प्रोपुल चकमा बता रहा था और इस पते का एक आधार कार्ड भी दिखाया। जांच में पता चला कि आधार कार्ड फर्जी है और आरोपी असली पहचान छुपा रहा है।

बोधगया में भिक्षु बन रहा रहे बांग्लादेशी नागरिक को बोधगया थाना पुलिस ने स्लीपिंग बुद्धा टेंपल में मोनेस्ट्री से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार भिक्षु बांग्लादेश के इमामी जिले के काठ खाली थाना अंतर्गत जुनुमा छड़ा गांव का 62 वर्षीय पवन कांती बरूआ है। आरोपी ने अरुणाचल प्रदेश का फर्जी आधार कार्ड बनवाकर खुद को भारतीय नागरिक बता रहा था। सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बचते हुए स्लीपिंग बुद्धा टेंपल परिसर में छुपा था। एजेंसी इस बात का पता लगाने में जुट गई है कि फेक आधार कार्ड बनवाने और बिना पासपोर्ट भारत में रहने का उसका मकसद क्या है। वह किसी बड़े गिरोह का सदस्य तो नहीं है।
जानकारी के मुताबिक बुद्ध जयंती को लेकर कांती बरूआ बोधगया आया था। पुलिस से पूछताछ में उसने पहले अपना पहचान अरुणाचल प्रदेश के लोहित चौखाम निवासी प्रोपुल चकमा बता रहा था और इस पते का एक आधार कार्ड भी दिखाया। जांच में पता चला कि आधार कार्ड फर्जी है और आरोपी असली पहचान छुपा रहा है। वह बिना वीजा-पासपोर्ट के भारत में अवैध रूप से प्रवेश कर गया था। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
बिना वीजा-पासपोर्ट के एक माह पहले किया था प्रवेश
बोधगया में एक संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक को भिक्षु के वेश में छिपकर रहने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि आधार कार्ड फर्जी है और आरोपी अपना असली पहचान छुपा रहा है। बाद में गहन पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसका वास्तविक नाम पवन कांती बरूआ है और वह बांग्लादेश का मूल निवासी है। आरोपी ने यह भी खुलासा किया कि वह बिना वीजा-पासपोर्ट के एक माह पूर्व भारत में अवैध रूप से प्रवेश कर गया था और अरुणाचल प्रदेश जाकर फर्जी दस्तावेज बनवाया फिर बोधगया स्लीपिंग बुद्धा टेंपल में पिछले 15 दिनों से रहना शुरू कर दिया था। ताकि कोई उसे पहचान न सके। बोधगया थाना में आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में नामजद प्राथमिकी दर्ज कर कर उसे कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियां मामले की विस्तृत जांच में जुटी हैं।
दरअसल बुधवार देर रात बोधगया थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह अपनी टीम के साथ गश्त पर थे। इसी दौरान अम्मा गांव के पास स्थित स्लीपिंग बुद्धा मॉनेस्ट्री और बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन में रहने वालों की सत्यापन प्रक्रिया शुरू की गई। जांच के दौरान एक भिक्षु संदिग्ध रूप से छिपने की कोशिश करने लगा। पुलिस ने शक के आधार पर उसे हिरासत में लिया और कड़ाई के साथ पूछताछ शुरू की गयी। पहले उसने खुद को प्रापूल चकमा (62 वर्ष), अरुणाचल प्रदेश का निवासी बताया, लेकिन पुलिस को उसकी बातों पर भरोसा नहीं हुआ। बोधगया थाने में गहन पूछताछ के बाद आखिरकार सच सामने आया। गिरफ्तार आरोपी के पास से फर्जी आधार कार्ड बरामद किया गया है। कोर्ट में पेशी के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने पवन कांति बरुआ के खिलाफ अवैध घुसपैठ, फर्जी दस्तावेज बनाने, और पहचान छिपाने के आरोप में मामला दर्ज किया है और कार्रवाई की जा रही है।
टेंपल इंचार्ज पर भी पहले से दर्ज है प्राथमिकी
स्लीपिंग बुद्धा टेंपल के इंचार्ज आर्यपाल पर एक स्थानीय फेरी दुकानदार अनुज कुमार गुप्ता पर जानलेवा हमला करने का आरोप है। बुद्ध जयंती के अगले दिन महाबोधि मंदिर के पास मुक्ति आंदोलन से जुड़े लोगों द्वारा किया गया मारपीट, गाली- गलौज व हंगामा में आर्यपाल नामजद प्राथमिकी दर्ज है। पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी में जुटी है। स्लीपिंग बुद्धा टेंपल के इंचार्ज आर्यपाल आंदोलनकारियों के साथ मिलकर धर्म विशेष पर टिप्पणी कर सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश में जुटा था।