गुलाब यादव ने चुनावी हलफनामे में छिपाई करोड़ों की संपत्ति, संजीव हंस से पैरवी कर ठेका भी दिलाया
साल 2019-20 के दौरान जब जल संसाधन विभाग में आईएएस संजीव हंस की तैनाती थी तब सुभाष यादव नाम के व्यक्ति की कंपनी मेसर्स वंशीधर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को गुलाब यादव ने कई काम दिलाए थे।
एसवीयू (विशेष निगरानी इकाई) के स्तर से दायर एफआईआर में यह कहा गया है कि पूर्व विधायक गुलाब यादव ने चुनावी हलफनामा में अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा प्रस्तुत नहीं किया था। वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव और वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके स्तर से चुनाव आयोग को दायर हलफनामा में नई दिल्ली में मौजूद करोड़ों की संपत्ति का उल्लेख नहीं है। हलफनामा में उन्होंने अपनी जितनी संपत्ति बताई थी, वास्तव में उनके पास इससे कहीं अधिक संपत्ति थी।
नई दिल्ली के युसूफ सराय में तीसरे तल पर टी-95 फ्लैट आवासीय सह व्यवसायिक प्रोपर्टी 2014 में ही खरीदी थी। यह इनकी संयुक्त संपत्ति है, जिसमें मेसर्स स्पलाइसनेट कंस्ट्रक्शन के मालिक प्रवीण चौधरी उनके साथ हैं। यह कंपनी ऊर्जा विभाग में सब-कांट्रैक्टर के तौर पर काम करती थी।
गुलाब यादव ने ही इस कंपनी से कमीशन लेकर ऊर्जा विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव संजीव हंस के माध्यम से काफी काम दिलाया था। एफआईआर में इससे संबंधित कई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं। इस मामले में ईडी ने 16 जुलाई 2024 को प्रवीण चौधरी के ठिकाने पर छापेमारी के दौरान 2 करोड़ 75 लाख का चेक बरामद किया गया था।
इस चेक को प्रदीप चौधरी ने नई दिल्ली वाली संपत्ति गुलाब यादव और प्रवीण चौधरी के नाम पर खरीदने के लिए जारी किया था। इस संपत्ति को खरीदने के लिए जितनी राशि का लेनदेन किया गया था, इन सभी के स्रोत संदिग्ध पाए गए हैं। इसके अलावा 2019-20 के दौरान जब जल संसाधन विभाग में आईएएस संजीव हंस की तैनाती थी तब सुभाष यादव नाम के व्यक्ति की कंपनी मेसर्स वंशीधर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को गुलाब यादव ने कई काम दिलाए थे।
इसके एवज में 85 लाख रुपये सुभाष यादव की कंपनी के कर्मचारी जितेंद्र कुमार सिंह के माध्यम से दिये गये थे। जबकि 13 लाख रुपये सुभाष यादव ने 22 जनवरी 2020 को स्वयं पटना के रुकनपुरा स्थित गुलाब यादव के घर में दिया था। इस कंपनी को जल संसाधन विभाग का कटिहार में काफी काम दिलाया गया था।
प्रवीण चौधरी के साथ 80 लाख रुपये लेनदेन के प्रमाण
जांच में गुलाब यादव का प्रवीण चौधरी के साथ 80 लाख रुपये लेनदेन के प्रमाण मिले हैं। पूर्व विधायक के बेटे रौशन यादव ने राज्य सरकार में ठेका दिलाने के लिए मेसर्स एवियन इंफ्रास्ट्रक्चर एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड से 55 लाख रुपये लिए थे। गुलाब यादव ने राज्य सरकार में ठेका दिलाने के लिए कई कंपनियों से संजीव हंस के बदले पैसे लिए थे।
1997 बैच के आईएएस संजीव हंस ने अब तक के अपने कार्यकाल के दौरान 3.50 करोड़ सैलरी, लोन समेत अन्य माध्यमों से प्राप्त किया है। उन्होंने सिर्फ अपनी संपत्ति का ब्योरा ही 5 करोड़ 47 लाख रुपये का प्रस्तुत कर दिया है। इसके अलावा करोड़ों की अवैध संपत्ति अलग-अलग स्थानों पर बना ली है।