GDP गिरी, पुल गिरे, अब BPSC गिर गई; दोहराई रीएग्जाम की मांग; छात्र आंदोलन में शामिल हुए खान सर
पटना में छात्र आंदोलन में शामिल हुए खान सर ने कहा कि किडनी बेचकर भी लड़ेंगे, लेकिन BPSC के आगे झुकेंगे नहीं। उन्होने कहा कि सारे सबूत और सीसीटीवी फुटेज को आयोग ने क्यों छिपाया? हम सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे, राष्ट्रपति तक को बताएंगे कि बिहार में क्या हो रहा है।
पटना के गर्दनीबाग में जारी छात्रों के प्रदर्शन में खान सर भी शामिल हो गए है। बीपीएससी की 70वी परीक्षा रद्द करने और दोबारा एग्जाम की डिमांड कर रहे छात्रों को सियासी दलों के साथ-साथ खान सर का भी साथ मिला है। छात्रों के प्रदर्शन में शामिल हुए खान सर ने छात्रों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि हम आयोग से केवल दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे हैं। पहले देश की जीडीपी गिरी, फिर बिहार में पुल गिरे, और अब बीपीएससी गिर गया है।
खान सर ने कहा कि सारे सबूत और सीसीटीवी फुटेज को आयोग ने क्यों छिपाया? कई चीजें बाहर आई हैं जो जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे, राष्ट्रपति तक को बताएंगे कि बिहार में क्या हो रहा है। खान सर ने आगे कहा कि पहले देश की GDP गिरी, फिर बिहार में पुल गिरा और अब BPSC गिर गया। उन्होने कहा कि आयोग को जितनी मुश्किल परीक्षा लेनी है ले सकते हैं। इससे हम नहीं भागे हैं। हम कह रहे हैं कि मुश्किल परीक्षा लो और बच्चों वाले सवाल मत दो। इससे ज्यादा मुश्किल तो हमारे क्लास टेस्ट के सवाल होते हैं।
खान सर ने कहा कि किडनी बेचकर भी लड़ेंगे, लेकिन BPSC के आगे झुकेंगे नहीं। ये छात्र कोई धन दौलत नहीं मांग रहे हैं ये कह रहे है कि जितनी मुश्किल परीक्षा लेनी है ले सकते हैं। गलती आयोग की है और इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। प्रशासन से भी कहते हैं इन बेचारों पर लाठी चार्ज करके आपको क्या मिल जाएगा। यही वो लोग है कल अधिकारी बनेंगे और अधिकारी बन गये तो कही आपकों इन्हें ही सैल्यूट ना करना पड़ जाए।
आपको बता दें इससे पहले भी खान सर छात्र के आंदोलन में शामिल हुए थे। इस दौरान उनकी तबीयत भी बिगड़ गई थी। कई दिनों तक इलाज भी चला था। लेकिन अब दोबारा स्वस्थ्य होकर फिर से छात्र आंदोलन में शामिल हो गए हैं। इससे पहले विपक्षी दलों के तमाम नेता भी छात्रों से मिलने पहुंचे थे। जिसमें आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह, पूर्णिया सांसद पप्पू यादव और जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भी शामिल हैं।