पितृपक्ष को अंतराष्ट्रीय मेला घोषित करने की मांग नहीं हुई पूरी: मांझी
गया में पाथ वे उद्घाटन और पितृपक्ष समीक्षा बैठक में मंत्री जीतनराम मांझी अनुपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि 5 करोड़ की लागत से बना शवदाह गृह बेकार पड़ा है। गंगाजल योजना का सही उपयोग नहीं हो रहा है, और...
पाथ वे के उद्घाटन और समीक्षा में अनुपस्थित रहने के सवाल पर मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कहा पांच करोड़ की लागत से बना शवदाह गृह बेकार पड़ा है
गंगाजल योजना का सही उपयोग नहीं होने की स्थिति में जनता को क्या दूं
गया, हिन्दुस्तान संवाददाता।
गया में पाथ वे उद्घाटन और पितृपक्ष को लेकर मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक से गया के सांसद सह केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने किनारा कर लिया। जबकि सभी शिलापट्ट पर उनका नाम अंकित था। इस मसले पर पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मैंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में पितृपक्ष मेला को राजकीय मेला घोषित किया था। पितृपक्ष मेले की महत्ता को देखते हुए इसे अंतर्राष्ट्रीय मेला घोषित कराने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लगातार किया। लेकिन उसे आज तक पूरा नहीं किया जा सका। इसी तरह गया विष्णुपद शमशान घाट में पिछले पांच साल से 5 करोड से बना विद्युत शवदाहगृह बेकार पड़ा हुआ है। इसमें भी सुधार की मांग पूरी नहीं हुई। गंगाजल योजना का आज भी सही उपयोग गया में नहीं हो पा रहा है। गंगाजल के नाम पर एक बहुत बड़ी राशि खर्च हुई। लेकिन उसका समुचित उपयोग नहीं है। रबर डैम की भी सही उपयोगिता नहीं है। मांझी ने कहा कि इस कार्यक्रम में अगर मीडिया बंधु प्रश्न करते तो मैं क्या जवाब देता। यही कारण है कि कार्यक्रम में शामिल नहीं होना ही अच्छा समझा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गया के विकास के प्रति काफी दृढ़ संकल्पित है। उनसे जो भी प्रस्तावित मांग रख रहा हूं वह हमेशा पूरा कर रहे हैं। मांझी इससे पहले शुक्रवार को गया में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। हालांकि इसके लिए उन्होंने शुभकामनाएं दी थीं।
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