एनईपी 2020 को धरातल पर लागू करने में कई चुनौतियां: प्रो. राजेश
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को प्रभावी ढंग से लागू करने में कई चुनौतियाँ सामने आई हैं। प्रो. राजेश सिंह ने इसके कार्यान्वयन में जटिलताओं पर चर्चा की और विश्वविद्यालयों को बाजार की मांग के...
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को धरातल पर सुचारू रूप से लागू करने में कई तरह की चुनौतियां हैं और उन पर लगातार विचार विमर्श हो रहा है जिसके उत्साहवर्धक परिणाम हासिल हो रहे हैं। ये वक्तव्य प्रो. राजेश सिंह, पूर्व कुलपति, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, बिहार के संस्थापक कुलपति ने दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) एनईपी 2020 पर आधारित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में कहीं। प्रो. राजेश सिंह ने एनईपी 2020 को मौजूदा शिक्षा प्रणाली में एकीकृत करने के महत्व को रेखांकित किया और भारत के विविध शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र में इसके कार्यान्वयन में शामिल जटिलताओं को स्वीकार किया। उन्होंने विश्वविद्यालयों को बाजार की मांगों के अनुरूप शैक्षिक कार्यक्रमों को अनुकूलित और डिजाइन करने तथा इन कार्यक्रमों को चलाने के लिए आत्मनिर्भर वित्तपोषण मॉडल विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। वाणिज्य और व्यवसाय अध्ययन विभाग द्वारा मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अभिमुखीकरण और संवेदीकरण शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) के 9 राज्यों से करीब 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया। वाणिज्य और व्यवसाय अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रो. ब्रजेश कुमार ने बताया कि एनईपी 2020 उच्च शिक्षा के सभी हितधारकों के बीच जिम्मेदारी की भावना को कैसे बढ़ावा दे सकता है। दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा केंद्र, तेजपुर विश्वविद्यालय, असम के निदेशक डॉ. अखिलेश कुमार ने भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली की मुख्य चुनौतियों पर प्रकाश डाला और उन्हें हल करने के उपाय सुझाए। कार्यक्रम में समन्वयक डॉ. रचना विश्वकर्मा, शिक्षक शिक्षा विभाग के प्रमुख प्रो. रवि कांत, एमएम-टीटीसी के निदेशक डॉ. तरुण कुमार त्यागी मौजूद रहे।
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