पटना में तबाही की आहट! सोन नदी का बढ़ा जलस्तर तो उफनाई गंगा, NDRF की टीमें तैनात
रविवार की रात व सोमवार को अहले सुबह सोन नदी का जलस्राव पांच लाख क्यूसेक के पार हो गया था। इसके बाद सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया था और इन्द्रपुरी बराज के सभी 69 गेटों को पूरी तरह खोल दिया गया था। सोन नदी से जुड़े तटबंधों की 24 घंटे पेट्रोलिंग की जा रही थी।
सोन नदी में एक बार फिर से उफान की स्थिति है। नदी का जलस्राव दो लाख क्यूसेक पर पहुंचने के बाद मंगलवार की शाम फिर चार लाख क्यूसेक के पार हो गया। सोन के बढ़े जलस्तर के कारण गंगा नदी भी उफना गई है। नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। अगले 24 घंटे के अंदर नदी का जलस्तर पटना में खतरे के निशान के पार होने की संभावना है। नदी पटना के गांधीघाट व हाथीदह में लाल निशान के करीब पहुंच गई है।
रविवार की रात व सोमवार को अहले सुबह सोन नदी का जलस्राव पांच लाख क्यूसेक के पार हो गया था। इसके बाद सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया था और इन्द्रपुरी बराज के सभी 69 गेटों को पूरी तरह खोल दिया गया था। सोन नदी से जुड़े तटबंधों की 24 घंटे पेट्रोलिंग की जा रही थी। मंगलवार को सोन में फिर से अप्रत्याशित जलस्राव को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने अभियंताओं को अलर्ट कर दिया है। तटबंधों की गश्ती भी लगातार की जा रही है।
उधर, कोसी के साथ-साथ गंडक, बागमती, अधवारा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर है। अगले 24 से 72 घंटे में कई और नदियों का जलस्तर लाल निशान के पार जाने की संभावना है। इनमें कमला जैसी नदियां शामिल हैं। कोसी सुपौल व खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर है जबकि बागमती मुजफ्फरपुर में और गंडक गोपालगंज में लाल निशान से ऊपर बह रही है। कोसी कटिहार में जबकि बागमती-अधवारा सीतामढ़ी व शिवहर में चेतावनी स्तर को पार करते हुए अब तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है।
आपदा प्रबंधन सतर्क
सोन में उफान को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग भी सतर्क है। सोन के आसपास के जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती कर दी गई है। मंगलवार को अरवल में भी एक टीम भेजी गई है। विभाग का दावा है कि वर्तमान में राज्य के किसी जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं है।