बिहार पुलिस के इस ASI पर 1 लाख का जुर्माना, कोर्ट ने क्यों दिया ऐसा सख्त आदेश?
आदेश के बाद कुछ दिनों तक एएसआई ने मासिक भत्ता दिया लेकिन उसके बाद देना बंद कर दिया। इससे आवेदिका और उसकी बेटियों को काफी परेशानी होने लगी। प्रधान न्यायाधीश ने रास लाल यादव पर एक लाख का अर्थदंड लगाते हुए 20 जनवरी को कोर्ट में सदेह उपस्थित होने का अंतिम मौका दिया है।
कुटुंब न्यायालय (फैमिली कोर्ट) में चल रहे मुकदमे में पत्नी का भरण-पोषण भत्ता बंद करना बिहार पुलिस के एक एएसआई को महंगा पड़ा। कोर्ट ने दरभंगा में पदस्थापित एएसआई रास लाल को एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही अगली सुनवाई की तिथि 20 जनवरी 2025 को कोर्ट में सदेह हाजिर होने का अंतिम मौका दिया गया है।
दरअसल एएसआई ने दो शादी की है। उनकी पहली पत्नी असलता देवी के अधिवक्ता नागेन्द्र नारायण ठाकुर ने बताया कि 2014 में आवेदिका ने अपनी और अपनी दो बेटियों के मेंटनेंस के लिए परिवार न्यायालय में रास लाल यादव पर वाद दायर किया था। सुनवाई के बाद 7 सितंबर 2015 को कोर्ट ने पीड़िता को तत्काल मुदकमे खर्च के तौर पर छह हजार रुपये प्रति माह भत्ता देने का आदेश दिया।
आदेश के बाद कुछ दिनों तक एएसआई ने मासिक भत्ता दिया लेकिन उसके बाद देना बंद कर दिया। इससे आवेदिका और उसकी बेटियों को काफी परेशानी होने लगी। इस केस में शुक्रवार को अंतिम सुनवाई होनी थी। इसमें एएसआई को उपस्थित होना था, लेकिन वह नहीं आए। इस पर परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राहुल उपाध्याय ने रास लाल यादव पर एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाते हुए 20 जनवरी को कोर्ट में सदेह उपस्थित होने का अंतिम मौका दिया है।
वहीं अधिवक्ता विद्याकर मंडल ने बताया कि विपक्षी द्वारा भुगतान नहीं किये जाने के कारण एरयिर की राशि 1 लाख 40 हजार हो गई और आवेदिका को मुकदमा के लिए भाग-दौड़ करना मुश्किल हो रहा था। इसपर कोर्ट ने एएसआई पर जुर्माना लगाया है।
कोर्ट से न्याय मिलने की जताई उम्मीद
एएसआई रास लाल यादव की पहली पत्नी असलता देवी ने बताया कि उसकी दो बेटियां है। शुक्रवार को कोर्ट पहुंची असलता देवी काफी मायूस दिखी। बताया कि बेटियों की पढ़ाई-लिखाई से शादी ब्याह तक की सारी जवाबदेही उनपर है, लेकिन उसका पति ना तो उसके साथ रह रहा है और ना ही भरण-पोषण के लिए पैसा देता है। मेहनत मजदूरी कर वह अपना परिवार काफी मुश्किल से चला रही हैं। उसने बेटी समेत खुद के भरण-पोषण के लिए पति रास लाल यादव पर परिवार न्यायालय में 2014 में वाद दायर किया। उसका कहना है कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है। कोर्ट एक पत्नी को उसका अधिकार दिलाएगा।